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कमर्शियल सुअर पालन की पूरी जानकारी

गाय, भैंस पालन की बजाय सुअर पालन करना काफी सस्ता पड़ता है, वहीं इससे मुनाफा अधिक होता है. इसका मांस काफी पौष्टिक होता है. यही वजह है इसकी डिमांड देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी खूब होती है. पांच से छह महीने में सुअर पालन से लागत निकालकर आप अच्छी कमाई करने लगते हैं. दुनिया में चीन, रूस, अमेरिका, ब्राजील तथा जर्मनी में सुअर पालन बड़े स्तर पर किया जाता है. भारत में उत्तर प्रदेश, असम, बिहार, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान उड़ीसा आदि राज्यों में सूअर पालन बड़े पैमाने पर होता है, लेकिन कमर्शियल सुअर पालन अब कम ही होता है. तो आइए जानते हैं कमर्शियल सुअर पालन की पूरी जानकारी.

श्याम दांगी
श्याम दांगी
Pig Farming
Pig Farming

गाय, भैंस पालन की बजाय सुअर पालन करना काफी सस्ता पड़ता है, वहीं इससे मुनाफा अधिक होता है. इसका मांस काफी पौष्टिक होता है. यही वजह है इसकी डिमांड देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी खूब होती है. पांच से छह महीने में सुअर पालन से लागत निकालकर आप अच्छी कमाई करने लगते हैं. दुनिया में चीन, रूस, अमेरिका, ब्राजील तथा जर्मनी में सुअर पालन बड़े स्तर पर किया जाता है. भारत में उत्तर प्रदेश, असम, बिहार, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान उड़ीसा आदि राज्यों में सूअर पालन बड़े पैमाने पर होता है, लेकिन कमर्शियल सुअर पालन अब कम ही होता है. तो आइए जानते हैं कमर्शियल सुअर पालन की पूरी जानकारी.

सुअर पालन के लिए उपयुक्त जमीन (Land suitable for pig farming)

भारत में कमर्शियल सुअर पालन आज भी कम ही किया जाता है. इस वजह से मुनाफा बेहद कम मिल पाता है. ऐसे में कमर्शियल सुअर पालन के लिए सही जमीन का चुनाव करना जरूरी होता है. तो आइए जानते हैं सुअर पालन के लिए जमीन का चुनाव करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए-

1. सुअर पालन फार्म बनाने के लिए ऐसी जमीन का चुनाव करें, जहां ज्यादा शोरगुल नहीं हो.

2. ताजे पानी की उपलब्धता होनी चाहिए. इसलिए फार्म के आसपास बोरिंग या पानी के अन्य संसाधन उपलब्ध होना चाहिए.

3. ग्रामीण क्षेत्र में यदि सुअर पालन के लिए जमीन खरीद रहे हैं, तो आपको कई बातों को ध्यान रखना होगा.

4. आवागमन के साधन के लिए सड़क की व्यवस्था होनी चाहिए.

5. टीकों आदि के लिए पशु चिकित्सक की उपलब्धता हो.

6. नजदीकी शहर या बाजार हो जहां सुअर का मीट सप्लाई किया जा सकें.

सुअर पालन के लिए विदेशी नस्लों का पालन (Rearing of foreign breeds for pig farming)

हमारे यहां अधिकांश देशी सुअर का पालन किया जाता है. जिनका वजन बेहद कम होता है. ऐसे में यदि आप कमर्शियल सुअर का पालन करना चाहते हैं ,तो आपको विदेशी नस्लों के सुअर का पालन करना चाहिए. जिनसे बड़े पैमाने पर मीट का उत्पादन किया जा सकता है. तो आइए जानते हैं सुअर की कुछ विदेशी नस्लें, जिनका आकार बहुत बड़ा होता है-

1. लार्ज व्हाइट यार्कशायर- यदि आप कमर्शियल सुअर पालन करना चाहते हैं तो यह नस्ल काफी उपयुक्त है. देशी सुअर के बाद भारत में सबसे ज्यादा इसका पालन होता है. यह दिखने में सफेद रंग का होता है. एक वयस्क सुअर का वजन 300 से 400 किलोग्राम होता है.इसके कान खड़े, थूथन मध्यम आकार के तथा चेहरा ढका होता है. यह क्रासब्रिडिंग के लिए उत्तम है.

2. लैंड्रेस -इस प्रजाति के सुअर दिखने में सफेद होते है लेकिन इनकी त्वचा पर काले धब्बे होते हैं. व्हाइट यार्कशायर की तरह यह भी क्रॉसब्रीडिंग के लिए उपयुक्त होते हैं. यह सुअर की अत्यधिक मीट उत्पादक नस्ल का सुअर है. इसके शरीर का आकार काफी लंबा होता है और एक वयस्क सुअर का वजन लगभग 270 से 360 किलोग्राम तक होता है.

3. मिडिल व्हाइट यार्कशायर- देश के कई हिस्सों में इस विदेशी के नस्ल के सुअर का पालन किया जाता है. इसके वयस्क सुअर का वजन 250 से 340 किलोग्राम होता है. वहीं एक वयस्क का वजन 180 से 270 किलोग्राम तक होता है.

4. अन्य नस्लें- इसके अलावा भारतीय जलवायु में अन्य विदेशी नस्लों के सुअर का पालन किया जा सकता है. इनमें हैम्पशायर, एचएस एक्स 1, ड्युराॅक आदि है.

सुअर पालन के लिए फार्म का निर्माण (Pig farming farm construction)

कमर्शियल सुअर पालन के लिए फार्म बनाते समय कई बातों का ध्यान रखना चाहिए. यदि आप विदेशी नस्लों के सुअर का पालन कर रहे हैं तो उनके रहने के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए. वहीं फार्म की जगह गर्मी, सर्दी और बारिश के मौसम के अनुकूल हो ताकि विभिन्न रोगों, परजीवियों आदि से उनकी रक्षा की जा सकें. एक सुअर के लिए साढ़े छह से साढ़े सात मीटर कवर्ड जगह, साढ़े आठ से बारह मीटर खुली जगह होनी चाहिए. वहीं एक प्रति सुअर रोजाना 45 लीटर तक पानी की जरूरत पड़ती है.

सुअर पालन के लिए चारा (Feed for pigs)

सुअर को जौ, मक्का, गेहूं, ज्वार, चावल तथा बाजरा खिला सकते हैं. इसके अलावा इनकी प्रोटीन सप्लीमेंट के तौर पर आइल केक, मीट मील तथा फिश मील को अनाज में मिलाकर खिला सकते हैं.

सुअर पालन के लिए कितना चारा खिलाए (how much feed to feed for pig farming) 

सुअर को उनके वजन के हिसाब से अनाज दिया जाता है. 25 किलोग्राम से 100 किलोग्राम तक सुअर को 2 से 5 किलो तक अनाज खिलाया जाता है. वहीं 100 से 250 किलोग्राम के वयस्क सुअर को 5 से 8.5 किलोग्राम अनाज रोजाना दिया जाता है.

 

सुअर पालन से कमाई (Earning from pig farming)

यदि आप कमर्शियल सुअर पालन करना चाहते हैं, तो 10+1 का फाॅर्मूला अपनाएं. यानी 10 फीमेल और एक मेल सुअर का पालन करें. विदेशी नस्ल का सुअर साल 16 महीनों में दो बच्चों को जन्म देती है. वहीं यह एक बार में 8 से 12 बच्चों को जन्म देती है. यदि 10 मादा सुअर आपके पास है और हर एक ने एक बार में 8 से 10 बच्चों को भी जन्म दिया, तो 16 महीने में यह 160 से 200 बच्चों को जन्म दे देती है. एक वयस्क सुअर लगभग 10 से 15 हजार रूपए में बिकता है. इस लिहाज से आप साल भर में ही खर्च निकालकर 8 से 12 लाख की कमाई कर सकते हैं.  

English Summary: pig farming: complete information about commercial pig farming Published on: 24 June 2021, 05:35 IST

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