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इस भैंस के पास है सबसे ज़्यादा दूध देने का सर्टिफ़िकेट, नाम भी है कमाल

सुल्तान भैंसा दुनिया में नहीं है लेकिन उसको पालने वाले एक बार फिर मशहूर हो रहे हैं. इस बार की वजह है ‘रेशमा’

मोहम्मद समीर
मोहम्मद समीर
इसका नाम भी है कमाल
इसका नाम भी है कमाल

आपको सुल्तान भैंसा तो याद होगा. कैथल, हरियाणा के गांव बूढ़ा खेड़ा के सुल्तान बुल ने गांव का नाम पूरे देश में मशहूर कर दिया था. अब सुल्तान दुनिया में नहीं है लेकिन उसको पालने वाले एक बार फिर मशहूर हो रहे हैं. इस बार की वजह है रेशमा.

इससे पहले आप ये समझें कि हम किसी लड़की का ज़िक्र करने जा रहे हैं तो ज़रा रुकिये! क्योंकि, ये रेशमा कोई लड़की नहीं बल्कि एक भैंस है. जिसने बूढ़ा खेड़ा गांव को सुल्तान के बाद एक बार फिर मशहूर कर दिया है. गांव की भैंस रेशमा के नाम दर्ज है सबसे ज़्यादा दूध देने का रिकॉर्ड. उसके पास बक़ायदा इसका सर्टिफ़िकेट भी है. भैंस रेशमा 33.8 लीटर दूध देकर पूरे देश में सबसे ज़्यादा दूध देने वाली भैंस बन गई है. रेशमा ने अपने नाम नेशनल रिकॉर्ड बनाया है. डॉक्टर्स की टीम ने रेशमा का दूध निकालकर कई बार देखा जिसमें उसने 33.8 लीटर दूध दिया और इस तरह नेशनल रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया. नेशनल डेरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB) की ओर से रेशमा के मालिक को फ़रवरी में इसके लिए सर्टिफ़िकेट भी दिया गया है. रेशमा ने पहले भी कई पुरस्कार जीते हैं.

मुर्रा प्रजाति की रेशमा ने पहली बार बछड़े के जन्म के बाद 19 लीटर, दूसरी बार 30 लीटर और तीसरी बार मां बनने के बाद 33.8 लीटर दूध दिया. रेशमा भैंस का दूध निकालने के लिए 2 लोगों की ज़रूरत पड़ती है.

सुल्तान हुआ था मशहूर-

कैथल के बूढ़ा खेड़ा गांव का सुल्तान भी एक समय में बहुत मशहूर हुआ था. इसके पालक रेशमा को पालने वाले लोग ही हैं. सुल्तान के मालिक नरेश और राजेश सुल्तान को याद करते हुए बताते हैं कि कैसे उसकी वजह से वो हर जगह फ़ेमस हो गए थे. सुल्तान के सीमन से लाखों रूपये की कमाई होती थी. एक साल में सुल्तान सीमन की 30 हज़ार डोज़ देता था. उसकी क़ीमत क़रीब 21 करोड़ रुपये लगाई गई थी. पिछले साल उसकी मौत हो गई थी.

गोलू-2 भी है फ़ेमस-

सुल्तान और रेशमा की तरह हरियाणा का गोलू-2 भी काफ़ी पॉप्युलर है. यह भैंसा डेढ़ टन वज़नी है. इसकी ऊंचाई साढ़े 5 फ़ीट और लम्बाई 14 फ़ीट है. ये भी मुर्रा नस्ल का है. इसके सीमन से इसके मालिक नरेंद्र सिंह को अबतक 20 लाख रुपये की कमाई हो चुकी है. गोलू-2 की क़ीमत 10 करोड़ रुपये लगाई जाती है, पर इसके मालिक इसे बेचना नहीं चाहते.

गोलू-2 (Golu-2) रोज़ाना 30 किलो सूखा हरा चारा, 7 किलो चना-गेहूं और 50 ग्राम मिनरल मिक्चर खाता है. इसका रुतबा किसी सेलेब्रिटी से कम नहीं है. गोलू-2 की सुरक्षा में 12 बंदूकधारी तैनात रहते हैं. इसके नहाने के लिए स्पेशल पूल बनाया गया है. लोग दूर-दूर से गोलू-2 भैंसे को देखने के लिए आते हैं, इसके साथ सेल्फ़ी लेते हैं. गोलू-2 भैंसा हर मेले के आकर्षण का केंद्र होता है. इस भैंसे की मां रोज़ाना 26 लीटर दूध देती है.

मुर्रा प्रजाति की ख़ासियत-

मुर्रा भैंसों की सबसे अच्छी नस्ल मानी जाती है. इस नस्ल के जानवर अच्छी कद-काठी के होते हैं. देखने में बेहद ताक़तवर नज़र आने वाले इस क़िस्म के भैंसों की सींग मुड़ी हुई होती है. हरियाणा में मुर्रा नस्ल को काला सोना कहा जाता है. क्योंकि पालक इससे बहुत कमाई करते हैं. सबसे अच्छी नस्ल की होने के साथ इस नस्ल की भैंसे दूध देने में भी अच्छी मानी जाती हैं. इस जाति की आम भैंस रोज़ाना 12 लीटर दूध देती है. उनके रहन-सहन और पोषण के हिसाब से ये मात्रा बढ़ती भी जाती है. उदाहरण के लिए रेशमा को ही लिया जाए तो यह 33 लीटर दूध देती है. इस नस्ल की भैंस के दूध में वसा की मात्रा 7 प्रतिशत होती है. इसके दूध के साथ ही इसे बेचकर भी लाखों रुपये की कमाई की जा सकती है.

ये भी पढ़ेंः हर मेले का आकर्षण बना ‘गोलू-2’ भैंसा, इसके सीमन से मालिक ने कमाए लाखों रुपये

आज कल इस प्रजाति की भैंस भारत में हर जगह देखने को मिलती है लेकिन हरियाणा और पंजाब में इन्हें बहुतायत में देखा जा सकता है. मुर्रा नस्ल की भैंस गहरे काले रंग की होती है. इसकी मांग बहुत ज़्यादा है जिसकी वजह से एक भैंस औसतन 2 लाख रुपये तक में मिलती है.

English Summary: meet Reshma buffalo, she has certificate for giving highest quantity milk Published on: 31 December 2022, 04:59 IST

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