Goat Farming: किसानों के लिए बकरी पालन/ Bakri Palan काफी अच्छा विकल्प है. दरअसल, बकरी पालन से किसान कुछ ही दिनों में अपनी आय दो बढ़ा सकते हैं और साथ ही किसान खेती के साथ-साथ बकरी पालन भी कर सकते हैं. बकरी छोटा जानवर होने के कारण इसके रख-रखाव का खर्च भी न्यूनतम होता है. इसके अलावा सूखे के दौरान भी इसके खाने का इंतज़ाम आसानी से हो सकता है, इसके साज-संभाल का कार्य महिलाएं एवं बच्चे भी कर सकते हैं और साथ ही आवश्यकता पड़ने पर इसे आसानी से बेचकर अपनी जरूरत भी पूरी की जा सकती है.
बकरी पालन/Bakri Palan कर आप बकरी के दूध/Goat Milk से भी अच्छी कमाई कर सकते हैं. आज के दौर में बकरी के दूध की मांग बाजार में काफी अधिक है. ऐसे में आइए आज के लेख में हम बकरी पालन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में जानते हैं.
बकरी की नस्लें/ Goat Breeds
वैसे तो बकरी की कई तरह की नस्लें पाई जाती है. जैसे कि- जमुनापारी, बरबरी एवं ब्लेक बंगाल इत्यादि लेकिन लोगों के द्वारा देशी एवं बरबरी नस्ल की बकरियों का पालन किया जाता है. क्योंकि ऐसी बकरियों की नस्ल का देख-रेख काफी आसान होता है.
बकरी पालन की प्रक्रिया/ Goat Rearing Process
अगर आप छोटे स्तर पर बकरी पालन/Bakri Palan करते हैं, तो इसके लिए आपको अलग से किसी आश्रय स्थल की आश्यकता नहीं होती है. इन्हें आप अपने घर पर भी आसानी से रख सकते हैं. वही, अगर बड़े पैमाने पर बकरी पालन का कार्य किया जाए, तब उसके लिए अलग से बाड़ा बनाने की आवश्यकता पड़ती है. अतः इनके लिए अलग से दाना-भूसा आदि की व्यवस्था बहुत न्यून मात्रा में करनी पड़ती है. यह उल्लेखनीय है कि देशी बकरियों के अलावा यदि बरबरी, जमुनापारी इत्यादि नस्ल की बकरियां होंगी तो उनके लिए दाना, भूसी, चारा की व्यवस्था करनी पड़ती है, पर वह भी सस्ते में हो जाता है. दो से पांच बकरी तक एक परिवार बिना किसी अतिरिक्त व्यवस्था के आसानी से पाल लेता है. घर की महिलाएं बकरी की देख-रेख करती हैं और खाने के बाद बचे जूठन से इनके भूसा की सानी कर दी जाती है. ऊपर से थोड़ा बेझर का दाना मिलाने से इनका खाना स्वादिष्ट हो जाता है. ध्यान रहे कि बकरियों के रहने के लिए साफ-सुथरी एवं सूखी जगह की आवश्यकता होती है.
बकरी की प्रजनन क्षमता/ Goat Fertility
मिली जानकारी के अनुसार, एक बकरी लगभग डेढ़ वर्ष की अवस्था में बच्चा देने की स्थिति में आ जाती है और 6-7 माह में बच्चा देती है. प्रायः एक बकरी एक बार में दो से तीन बच्चा देती है और एक साल में दो बार बच्चा देने से इनकी संख्या में वृद्धि होती है. बच्चे को एक वर्ष तक पालने के बाद ही उसे बेचे. ऐसा करने से आपको बाजार में उसके उचित दाम प्राप्त होंगे.
बकरियों में प्रमुख रोग/ Major Diseases in Goats
देसी बकरियों/ Desi Goats में मुख्यतः मुंहपका, खुरपका, पेट के कीड़ों के साथ-साथ खुजली की बीमारियां होने की संभावना काफी अधिक होती है. बकरियों में ये बीमारियाँ प्रायः बरसात के मौसम में होती हैं. ऐसे में बकरियों की देख-रेख से लेकर डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
बकरी पालन में समस्याएं/ Problems in Goat Farming
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बकरी पालन में कई दिक्कतें भी आती हैं. जैसे कि- रोग, देख-रेख और पौष्टिक आहार आदि.
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बरसात के मौसम में बकरी की देख-भाल करना सबसे कठिन होता है. क्योंकि बकरी गीले स्थान पर बैठती नहीं है और उसी समय इनमें रोग भी बहुत अधिक होता है.
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बकरी का दूध पौष्टिक होने के बावजूद उसमें महक आने के कारण कोई उसे खरीदना नहीं चाहता. इसलिए उसका कोई मूल्य नहीं मिल पाता है.
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बकरी को रोज़ाना चराने के लिए ले जाना पड़ता है. इसलिए एक व्यक्ति को उसी की देख-रेख के लिए रहना पड़ता है.
बकरी पालन के लिए लोन की सुविधा
बकरी पालन करने के लिए अगर आपके पास प्रर्यार्त धन नहीं हैं, तो घबराएं नहीं दरअसल, नाबार्ड की तरफ से बकरी पालन/Goat Farming के लिए लोन उपलब्ध कराया जाता है. इस लोन को चुकाने के लिए अधिकतम 15 वर्ष की अवधि निर्धारित की गई है. किसान बकरी पालन के लिए अधिकतम 15 लाख रुपए तक का लोन ले सकते हैं. इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए किसान नाबार्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं. इसके अलावा पशुपालन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट व कार्यालय से भी संपर्क कर सकते हैं.
ध्यान रहे कि बकरी पालन के लिए लोन/Loan for Goat Farming प्राप्त हेतु किसान को प्रोजेक्ट रिपोर्ट जिला पशुपालन विभाग से स्वीकृत करवानी होगी. फिर किसान को स्वीकृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट को अपने बैंक में लेकर जाना होगा. बैंक किसान के द्वारा तैयार किए गए सभी कागजातों की सारी पड़ताल करने के लिए बाद ही लोन देगा.
इसके अलावा आप बकरी पालन करने के लिए कुछ प्रमुख बैंकों से भी संपर्क कर सकते हैं. इनके नाम कुछ इस प्रकार से हैं...
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)
आईडीबीआई बैंक
कैनरा बैंक
व्यावसायिक बैंक
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक
राज्य बैंक सहकारी
शहरी बैंक
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