पशुपालकों के लिए यह मौसम बहुत ही सावधानी बरतने वाला है. ठण्ड हवाओं ने दस्तक दे दी है. ऐसे में जहां हमें अपने आप को इन सर्दियों में स्वस्थ रखने की ज़रूरत है, वहीं अपने पशुओं का भी ध्यान देना बहुत ज़रूरी है. पशुपालकों को इस समय अपने सभी दुधारू पशुओं (गाय-भैंस) की खास देख-रेख करनी चाहिए. वहीँ अगर पशुपालकों ने ज़रा सी भी लापरवाही दिखाई, तो उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. पशु अगर इस ठण्ड की चपेट में आ गए, तो इसका असर उनके स्वास्थ्य पर तो पड़ेगा ही, साथ ही दूध उत्पादन भी इससे काफी प्रभावित होगा.
ऐसे में पशुपालक धुंध और ठिठुरा देने वाली इन ठंडी हवाओं से अपने दुधारू पशुओं को कैसे सुरक्षित रख सकते है, आज हम आपको इसी के बारे में बताने वाले हैं. सही तरह से पशुओं का ध्यान रखकर आप उन्हें बीमारियों से भी दूर रख सकते हैं.
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पशुपालक पशुओं के रहने के स्थान को भी व्यवस्थित रखें. पशुओं के लिए जूट के बोरे जैसे चीज़ों को उपयोग कर सकते हैं जिससे पशुओं को गर्माहट मिले और ठंड दूर रहे. पशुपालक ज्वार या बाजरे की टाट बांधकर हवा और सर्दी से बचाव कर सकते है. इस बात का ज़रूर ध्यान दें कि पशुशाला किसी नमी वाली जगह न हो और धुप बराबर पशुओं को मिलती रहे.
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खुले में पशुओं को धूप में ही बांधे. इसके साथ ऐसे जगह जहां सफाई करना आसान हो.
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पशुओं के गोबर और मूत्र निकास की भी उचित व्यवस्था होनी चाहिए जिससे उन्हें सूखी और साफ़-सुथरी जगह मिले.
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हमेशा पशु को ताजा पानी ही पिलाएं और इस बात का ख़ास ध्यान दें कि पानी न ज़्यादा ठंडा हो और न ज़्यादा गर्म हो.
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अगर खान-पान की बात करें तो पशुओं को हरा चारा खिलाने से पहले थोड़ा-सा सूखा चारा ज़रूर खिलाएं। आप सूखा चारा हरे चारे में मिलाकर भी पशुओं को दे सकते हैं. सर्दियों में सामान्य तापमान बनाये रखने के लिए पशुओं को रात को भी ये सूखा चारा खिलाएं
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अपने हर एक पशु को लगभग 50 से 60 ग्राम तक नमक ज़रूर खिलाएं जिससे उनमें खनिज पदार्थ की कमी नहीं होगी और दूध उत्पादन भी अच्छा मिलेगा. ठीक उतरेगा व प्रजनन सुचारू रूप से हो
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पशुओं में डेगनाला बीमारी न हो, इसके लिए पराली अगर आप खिला रहे है, तो इसका ध्यान दें कि वह साफ़-सुथरी हो.
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