भारत में पशुपालन का बिजनेस कर लाखों रुपये महीना पशुपालक कमाते हैं. इसमें से सबसे ज्यादा पशुपालक गाय पालन करते हैं, क्योंकि इससे उन्हें मुनाफा भी बहुत ज्यादा मिलता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वो किन गायों को पालकर ये मुनाफा कमाते हैं. शायद आप में से ज्यादातर लोग गायों की पहचान नहीं कर पाएं. ऐसे में हम आपको अपने इस लेख में बताने जा रहे हैं एक ऐसे गाय की पहचना करने के तरीके के बारे, जो सबसे ज्यादा दुधारू गायों में से एक मानी जाती हैं. जी हां, हम जर्सी गाय की बात कर रहे हैं.
जर्सी गाय की पहचान कैसे करें
आपको जर्सी गाय की पहचान करने के लिए सबसे पहले देसी गाय और जर्सी गाय में अंतर समझना होगा, तभी आप बेहतर तरीके से जर्सी गाय की पहचान कर सकते हैं, तो चलिए जानते है इसके बारे में विस्तार से-
श्रेणी- देसी गाय बॉश इंडिकस श्रेणी की होती है. वहीं जर्सी गाय बॉश टोरस श्रेणी की होती है.
जगह- भारतीय गायों को देसी गाय कहते हैं, जबकि जर्सी गाय ब्रिटेन की जर्सी द्वीप की गाय है.
रंग- भारतीय गायों का रंग एक कलर या फिर दो कलर मिक्स के साथ होता है, लेकिन जर्सी गायों का रंग हल्का पीला होता है, जिस पर सफेद रंग के चित्ते बने रहते हैं. किसी-किसी का रंग हल्का लाल या बादामी भी होता है.
आकार- देसी गाय के लम्बे सींग और बड़े कूबड़ पहचान है, जबकि जर्सी गाय का सिर छोटा, पीठ एवं कन्धा एक लाइन में होते हैं. यानि जर्सी गाय लम्बे सींग और बड़े कूबड़ के साथ नहीं देखी जा सकती है.
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लंबाई- जर्सी गायों का कद देसी गायों के अपेक्षा बड़ा होता है.
मौसम- देसी गाय की नस्ल का विकास प्रकृति, जलवायु परिस्थितियों, चारे की उपलब्धता और काम करने के तरीकों पर निर्भर करता है. जबकि जर्सी गाय का विकास ठंडे तापमान पर निर्भर करता है. इनके लिए गर्म तापमान सहना मुश्किल होता हैं.इन्हे अच्छे दूध उत्पादन के लिए ठंडी जलवायु की आवश्यकता पड़ती है.
क्षमता- जर्सी गाय अच्छा दूध उत्पादन देने वाली गाय होती है. जर्सी गाय हर रोज 12 से 14 लीटर तक दूध देती है. जबकि मात्र 3 से 4 लीटर तक दूध ही हर रोज देसी गाय दे पाती है.
गर्भधारण- आमतौर पर देसी गाय 30-36 महीने में पहला बच्चा देती है. वहीं जर्सी गाय 18-24 महीने में पहला बच्चा दे देती है. भारतीय गाय जहां अपने जीवनकाल में 10 से 12 या फिर कभी-कभी 15 से अधिक बछड़ों को भी जन्म देती है, तो वहीं जर्सी गाय ज्यादा बछड़ों को जन्म नहीं दे पाती है, इसलिए ही भारतीय गायों द्वारा उत्पादित दूध की मात्रा ज्यादा होती हैं.
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