किसान सबसे अधिक परेशान और शंका में दुधारू पशुओं को खरीदते समय रहते हैं. अक्सर उनके दिल में इस तरह के प्रश्न होते हैं कि अच्छे पशु का चुनाव आखिर किस तरह किया जाए. खैर ये प्रश्न वास्तव में जटिल है, लेकिन ऐसा भी नहीं है कि ये काम असंभव जैसा है. अगर सही तरीके का ज्ञान हो, तो आप दुधारू पशुओं को खरीदते समय कभी खुद को ठगा हुआ महसूस नहीं करेंगें. चलिए आपको इस बारे में विस्तार से बताते हैं.
इन बातों पर करें गौर
सबसे पहले तो अपने दिमाग से इस बात को निकाल दीजिए कि अच्छे नस्ल के दुधारू पशु हमेशा ही अधिक दूध देने वाले होते हैं या उनकी सेहत अधिक अच्छी होती है. अच्छे से अच्छे नस्ल के जानवर जो देखने में सेहतमंद लग रहे हो, वो अंदर से कमजोर हो सकते हैं. इस बात को ध्यान में रखे कि दूध देने की क्षमता सिर्फ वंशावली पर नहीं बल्कि अन्य कई कारकों पर भी निर्भर करती है.
किसी भी दुधारू पशु को खरीदते समय कुछ बातों का ख्याल जरूरत रखना चाहिए, जैसे- चयन या खरीदारी के समय ध्यान दें कि पशु की नस्ल क्या है, उसके दोष क्या है और एक ब्यांत में वो कितना दूध दे सकते हैं.
शारीरिक बनावट पर दें ध्यान
दुधारू पशुओं को खरीदते समय आपको उनकी शारीरिक बनावट पर विशेष ध्यान देना चाहिए. उदाहरण के लिए तिकोने आकार की गाय अधिक दूध देने में सक्षम होती है. तिकोना आकार देखने के लिए गाय के ठीक आगे खड़े हो जाएं, यहां से देखें कि क्या उसका अगला हिस्सा हिस्सा पतला और पिछला हिस्सा चौड़ा दिखाई दे रहा है. अगर हां, तो ऐसी गाय अधिक दूध देने वाली होती है.
चमड़ी से करें पहचान
इसके साथ ही शरीर की तुलना में अगर गाय के पैर छोटे हो और मुंह-माथे पर बाल हो तो वो अधिक दुधारू होती है. दुधारू पशुओं की पहचान उनकी चमड़ी से भी की जा सकती है. चिकनी, पतली और साफ आंखों वाले पशुओं का अयन पूर्ण रूप से विकसित होता है.
थनों की करें अच्छे से जांच
दूध देने की क्षमता बहुत हद तक पशु के थन और अयन से संबंधित है. इसलिए दूध के लिए पशु को खरीद रहे हैं, तो उसके अयन पर ध्यान दें. थन और अयन पर पाई जाने वाली दुग्ध शिराओं पर अगर उभार है और वो टेढ़े-मेढ़े हैं, तो पशु अधिक दुधारू है. आप चाहें तो एक बार दूध दोहने के बाद थनों की जांच कर सकते हैं. अगर दूध दोहने के बाद थन सिकुड़ जाते हैं, तो पशु की सेहत बहुत अच्छी है.
तीसरे ब्यांत की गाय-भैंस दें प्राथमिकता
दुधारू पशुओं में अगर गाय या भैंस को खरीदने जा रहे हैं, तो सदैव दूसरे अथवा तीसरे ब्यांत को अधिक तरजीह दें. ऐसे पशु अपनी पूरी शक्ति के साथ दूध देते हैं. अगर आप इस तरह के पशुओं को खरीदते हैं तो ये इसी क्रम में लगभग सात ब्यांत तक दूध दे सकते हैं. वहीं अगर दूसरे या तीसरे ब्यांत के वक्त गाय-भैंस ब्याही हो, तो कहना ही क्या. आपको अधिक फायदा हर हाल में होगा. इससे मादा पड़िया अथवा बछड़ी मिलने की उम्मीद तो खैर बढ़ ही जाती है, जो भविष्य के लिए किसी पूंजी की तरह है.
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