Fish Diseases: आज भारत में मछली पालन बड़े स्तर पर हो रहा है. बहुत से लोगों की तो जीविका ही इस मत्स्य पालन पर ही टिकी हुई है. लेकिन आपको इसके लिए भी बहुत सी सावधानियां रखनी होंगी. आज हम आपको मछलियों में होने वाले कुछ ख़ास रोगों के बारे में बताने जा रहे हैं. जिससे मछली बीमार हो जाती है. और यह रोग मछली के लिए तो हानिकारक होते ही हैं साथ ही उसे खाने वाले को भी कई बीमारियाँ होने की संभावना बनी रहती है. तो आइये जाने कि मछली में कौन से रोग होते हैं और उनके क्या लक्षण होते हैं साथ ही उसके उपचार के बारे में भी जानेंगे.
इच्छामृग का रोग (Ichthyophthiriasis)
कारण: इच्छामृग परजीवी संक्रमण
लक्षण: मछली के शरीर पर सफेद दाने, अक्खीरन त्वचा का गहरा रंग, अतिरिक्त पानी के निर्वहन का प्रयास
उपचार: मेथिलीन ब्लू, फॉर्मालिन या रुगोल द्वारा इलाज
यह भी पढ़ें- पंगास मछली पालिए और लाखों का मुनाफा कमाएं
मछली का आपसी उत्सर्जन (Fin Rot)
कारण: बैक्टीरियल इन्फेक्शन, परसाइट, खरपतवार, अस्वस्थ जल प्रबंधन
लक्षण: परी हड्डी के धारियों का क्षय, धारियों के अवस्थान, बदबू और निर्जलीकरण
उपचार: संक्रमण वाले भागों को काटकर निकालें, एंटीबायोटिक का उपयोग करें, नियमित ट्रीटमेंट करें
ड्रॉपसी (Dropsy)
कारण: बैक्टीरियल इन्फेक्शन, तत्वीय असंतुलन, गुदा प्रणाली की समस्या
लक्षण: पेट फूलना, आंत्र में सूजन, बुखार, तैलीय त्वचा
उपचार: एंटीबायोटिक, एंटीप्रोटोजोयल दवाएं, जलसंचार में सुधार, मेथिलीन ब्लू का उपयोग
यह भी जानें- मछली पालन में जरूरी है जाल चलाना, जानिए इसके लाभ और प्रक्रिया
मछली का सफेद दाना रोग (White Spot Disease)
कारण: प्रोटोजोए की संक्रमण, तत्वीय असंतुलन
लक्षण: सफेद छोटे दाने शरीर पर, खारिश, पानी में अकारण बहुत सारे जंतु
उपचार: मलाथियन, क्विनिन सल्फेट, रोगाणुओं को नष्ट करने के लिए तापमान बढ़ाएं
फंगल संक्रमण (Fungal Infections)
कारण: फंगल संक्रमण, अस्वस्थ जल प्रबंधन, तत्वीय असंतुलन
लक्षण: फंगल पथरी, सफेद धब्बे, त्वचा की खरोंच
उपचार: एंटीफंगल दवाएं, जलसंचार में सुधार, पोटेशियम परमैंगनेट का उपयोग
यह भी देखें- मांगुर मछली का पालन कैसे करें, आइये जानते हैं पूरी जानकारी
विलयन रोग (Columnaris Disease)
कारण: बैक्टीरियल इन्फेक्शन, तत्वीय असंतुलन, प्रोटोजोए की संक्रमण
लक्षण: गाड़ी धारियों का ख़ारिश, त्वचा की खरोंच, फेंगल संक्रमण
उपचार: ब्रोमाइड और एंटीबायोटिक का उपयोग, नियमित नीत्रोफुरांस ट्रीटमेंट
गिल संक्रमण (Gill Infections)
कारण: बैक्टीरियल इन्फेक्शन, परजीवी संक्रमण, तत्वीय असंतुलन
लक्षण: गाड़ी धारियों की सूजन, सफेद त्वचा, असामान्य श्वसन
उपचार: मेथिलीन ब्लू और मलाथियन का उपयोग, जलसंचार का संशोधन, नियमित दवा
यह भी पढ़ें- मिश्रित प्रजातियों का मछली पालन करके कमाएं मोटा मुनाफा, हर साल होगी लाखों की कमाई
आंत्रिक संक्रमण (Intestinal Infections)
कारण: बैक्टीरियल इन्फेक्शन, परजीवी संक्रमण, तत्वीय असंतुलन
लक्षण: पेट की सूजन, लूज मोशन, भूख की कमी
उपचार: एंटीबायोटिक और एंटीप्रोटोजोयल दवाएं, चिकित्सा आहार सप्लीमेंट का उपयोग
वायरल संक्रमण (Viral Infections)
कारण: वायरस संक्रमण, संक्रमण के जलवायु, तत्वीय असंतुलन
लक्षण: अपारता, स्तंभन, त्वचा की असामान्यता
उपचार: वायरस इंहिबिटर और वैक्सीनेशन का उपयोग
परजीवी संक्रमण (Parasitic Infections)
कारण: परजीवी संक्रमण, तत्वीय असंतुलन
लक्षण: खुजली, पांव की असामान्यता, सफेद त्वचा की खरोंच
उपचार: परजीवीनाशी दवाएं, तापमान वृद्धि, संग्रहीत अवस
यदि आपको मछलियों में ऐसे कोई रोग के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो मूल उपचार करने के लिए स्थानीय मछली चिकित्सालय की सलाह लें. यह सुविधा उपयुक्त और व्यापक उपचार प्रदान करेगी.
Share your comments