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Duck Farming: मुर्गी पालन से दोगुना मुनाफा देता है बत्तख पालन, ऐसे शुरू करें व्यवसाय

बत्तख पालन एक फायदेमंद और आकर्षक कृषि व्यवसाय है. बत्तख के अंडों और मांस से किसानों को खूब आमदनी होती है. पोल्ट्री व्यवसाय में मुर्गी के बाद बत्तख पालन सबसे अधिक किया जाता है.

मनीष कुमार
मनीष कुमार
सरकार नाबार्ड (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट) के माध्यम से सब्सिडी प्रदान कर रही है. योजना के तहत सरकार बत्तख पालन के लिए 25 प्रतिशत से अधिक का लोन उपलब्ध करा रही है. (फोटो-कृषि जागरण)
सरकार नाबार्ड (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट) के माध्यम से सब्सिडी प्रदान कर रही है. योजना के तहत सरकार बत्तख पालन के लिए 25 प्रतिशत से अधिक का लोन उपलब्ध करा रही है. (फोटो-कृषि जागरण)

बत्तख के अंडे और मांस में प्रोटीन की मात्रा काफी अधिक पाई जाती है. लोग बत्तख का मांस और अंडे बहुत पसंद करते हैं. किसान पहले बत्तख को अंडों के लिए पालते थे, हालांकि अब बत्तख पालन को रोजगार के रूप में देखा जा रहा है. देश में बत्तख पालन व्यवसाय की अपार संभावनाएं हैं. दरअसल, मुर्गी पालन के मुकाबले बत्तख पालन कम लागत के साथ ज्यादा मुनाफा देने वाला होता है.

बत्तख पालन के लिए जगह का चयन

बत्तख पालन गांव के तालाबों, धान और मक्के के खेतों में आसानी से किया जा सकता है. इसके लिए नम जलवायु की आवश्यकता होती है. बत्तख पालन शुरू करने के लिए किसान आवश्यकता के अनुसार तालाब की खोदाई करा सकते हैं. पानी की व्यवस्था होने से बत्तखों की प्रजनन क्षमता बढ़ जाती है.

यदि तालाब की खोदाई नहीं करना चाहते हैं तो टीनशेड के चारों तरफ 2-3 फुट गहरी व चौड़ी नाली बना लें, जिसमें बत्तखें आसानी से तैर सकें. शेड के पास पानी की व्यवस्था होने से बत्तखों के लिए आहार जैसे कीड़े, मकोड़े और घोंघे की व्यवस्था हो जाती है. बत्तखों की बढ़िया वृद्धि के लिए 25-35 डिग्री सेल्सियस का तापमान अच्छा माना जाता है.

बत्तखों के आहार पर मुर्गी पालन के मुकाबले 1.2 फीसदी तक कम खर्च होता है. बत्तखें प्रोटीन वाले दाने न मिलने पर पोखरों या तालाब के कीड़ों-मकोड़े खाकर भी अच्छी वृद्धि कर लेती हैं.  (फोटो-सोशल मीडिया)
बत्तखों के आहार पर मुर्गी पालन के मुकाबले 1.2 फीसदी तक कम खर्च होता है. बत्तखें प्रोटीन वाले दाने न मिलने पर पोखरों या तालाब के कीड़ों-मकोड़े खाकर भी अच्छी वृद्धि कर लेती हैं. (फोटो-सोशल मीडिया)

बत्तख पालन के लिए आवास प्रबंधन

बत्तख के शेड बनाने के लिए ऊंचे या जहां पर धूप और हवा आती रहे स्थानों का चयन करना चाहिए. शेड के आसपास अधिक पेड़-पौधे नहीं होने चाहिए. बत्तख पालन के लिए कोलाहल से दूर स्थानों का चयन लाभकारी रहता है. शेड की फर्श ऐसी बनाएं जहां पर पानी एकत्रित न हो.

व्यवसाय के लिए चूजों की प्रजाति का चयन

बत्तख पालन शुरु करने के लिए विशेषज्ञ खाकी कैंपवेल जो रंग की होती हैं अच्छी मानते हैं. ये पहले साल में ही 300 से ज्यादा अंडे देती हैं. 2-3 साल की उम्र होने पर भी ये बत्तख अंडे देती हैं. यह बत्तखें शोर बहुत मचाती हैं. इसके अलावा विशेषज्ञ बत्तख की इन तीन नस्लों को बत्तख पालन के लिए सर्वश्रेष्ठ मानते हैं-

  • मांस उत्पादन के लिए – सफेद पैकिंग, एलिसबरी, मस्कोवी, राउन, आरफींगटन, स्वीडिश पैकिंग
  • अंडा उत्पादन के लिए-इंडियन रनर
  • मांस और अंडा दोनों के लिए- खाकी कैंपबेल

आहार की व्यवस्था, इसलिए है मुर्गी पालन से सस्ता व्यवसाय

बत्तखों के लिए प्रोटीन वाले दानों की जरूरत पड़ती है. बत्तखों के आहार पर मुर्गी पालन के मुकाबले 1.2 फीसदी तक कम खर्च होता है. बत्तखें प्रोटीन वाले दाने न मिलने पर पोखरों या तालाब के कीड़ों-मकोड़े खाकर भी अच्छी वृद्धि कर लेती हैं. बत्तखें रेशेदार आहार भी आसानी से पचा लेती हैं.

इसके अलावा किसान 20 फीसदी अनाज, 40 फीसदी सोयाकेक या सरसों की खली में 15 फीसदी चावल और 10 फीसदी मछली का चूरा, 13 फीसदी चोकर के साथ 1 फीसदी नमक और 1 फीसदी खनिज लवण मिलाकर, बत्तख के चूजों की उम्र के हिसाब से फीडर में दाना डालना चाहिए.

बत्तखों का इलाज और देखभाल

बत्तखों में रोगों का असर मुर्गियों के मुकाबले बहुत कम होता है. बत्तखों में डक फ्लू का ही प्रकोप देखा गया है इससे बचाव के लिए जब चूजे एक महीने के हो जाएं तो डक फ्लू वैक्सीन लगवाना जरूरी होता है. इसके साथ ही बत्तखों के आवास की समय-समय पर सफाई करना जरूरी रहता है.

ये भी पढ़ें- Fisheries: मछली पालन के लिए मिल रही है 60 प्रतिशत की सब्सिडी, डबल मुनाफे के लिए ऐसे शुरू करें व्यवसाय

एक साल में एक बत्तख 280 से 380 अंडे देती है. यह उत्पादन मुर्गियों के मुकाबले दोगुना है.  (फोटो-सोशल मीडिया)
एक साल में एक बत्तख 280 से 380 अंडे देती है. यह उत्पादन मुर्गियों के मुकाबले दोगुना है. (फोटो-सोशल मीडिया)

बत्तख पालन में लागत और कमाई

एक साल में एक बत्तख 280 से 380 अंडे देती है. यह उत्पादन मुर्गियों के मुकाबले दोगुना है. बाजार में एक अंडे की कीमत 6-8 रुपये होती है. बत्तख के मांस की भी बाजार में बहुत मांग रहती है. 1000 चूजों पर साल भर में कुल एक लाख रुपये से भी कम खर्च आता है. एक साल में पशुपालक इससे 3-4 लाख रुपये की कमाई कर सकते हैं.

व्यवसाय शुरु करने के लिए सरकार दे रही है सब्सिडी

केंद्र और राज्य सरकार बत्तख पालन शुरु करने के लिए सब्सिडि भी दे रही हैं. ये सब्सिडी सरकार नाबार्ड (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट) के माध्यम से प्रदान कर रही है. योजना के तहत सरकार बत्तख पालन के लिए 25 प्रतिशत से अधिक का लोन उपलब्ध करा रही है.

English Summary: Duck farming can give double benefits than poultry start business like this Published on: 12 November 2022, 05:51 IST

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