हमारे देश में कई दुधारू पशुओं का पालन किया जाता है. पशुपालन पैसा कमाने का एक बेहतर ज़रिया है. दुधारू पशुओं में गाय का स्थान भी प्रमुख माना जाता है. वैसे आपने अक्सर गाय को देखा होगा, लेकिन क्या आपने सोचा है कि जो गाय आप देख रहे हैं, उसकी नस्ल क्या है? हमारे देश में गाय की कई नस्लें पाई जाती हैं, तो क्या आपने कभी सोचा है कि जो तरह-तरह की गाय आप देखते हैं, उनमें क्या अंतर होता है? आज हम अपने इस लेख में इसी विषय पर चर्चा करेंगे. आज हम आपको बताएंगे कि देसी और जर्सी गाय में क्या अंतर होता है.
देसी गाय (Desi Cow)– देसी गाय को भारतीय गाय कहा जाता है. ये बॉश इंडिकस श्रेणी की गाय होती हैं. इनकी पहचान लंबी सींग और बड़े कूबड़ से की जाती है. इनका विकास प्रकृति द्वारा होता है. उत्तर भारत में देसी गाय की कई नस्लें पाई जाती हैं. देसी गाय गर्म तापमान में रहती हैं.
जर्सी गाय (Jersey Cow) – ये गाय बॉश टोरस की श्रेणी में आती हैं. जर्सी गाय देसी गाय की तुलना में ज्यादा दूध देती हैं. इन गायों की लंबी सींगें और बड़े कूबड़ नहीं होते हैं. गाय का निर्यात भारत में सबसे अधिक होता है. जर्सी गाय ठंडी जलवायु में रह पाती हैं.
ढ़िए देसी और जर्सी गाय में अंतर (Difference Between Desi And Jersey Cow)
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भारत में देसी गाय को माता का दर्जा मिला है, तो वहीं जर्सी गाय को ब्रिटेन में प्रमुख स्थान मिला है.
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बॉश इंडिकस श्रेणी में देसी गाय आती है और जर्सी गाय बॉश टोरस की श्रेणी में आती है.
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देसी गाय का विकास प्रकृति पर निर्भर है. देसी गाय का विकास जलवायु परिस्थितियों, चारे की उपलब्धता, काम करने के तरीके आदि के आधार पर होता है, जबकि जर्सी गाय का विकास ठंडे तापमान के अनुसार होता है.
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देसी गाय के सींग लम्बे और बड़े कूबड़ होते है, जबकि ऐसा जर्सी गाय में नहीं होता है.
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देसी गायों का कद जर्सी गायों की तुलना में छोटा होता है.
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देसी गाय करीब 3 से 4 लीटर दूध देती हैं, तो वहीं जर्सी गाय करीब 12 से 14 लीटर दूध देती हैं.
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आमतौर पर देसी गायों को बच्चा पैदा करने में 30 से 36 महीने लगते हैं, लेकिन जर्सी गायों को 18 से 24 महीने लगता है.
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देसी गाय अपने जीवनकाल में 10 से 12 बछड़ों को जन्म दे सकती है. जर्सी गाय ज्यादा बछड़ों को जन्म नहीं दे पाती है, इसलिए देसी गाय के दूध की मात्रा ज्यादा होती है.
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