महाराष्ट्र में इन दिनों दूध उत्पादन यानि कि डेयरी कृषि किसानों के लिए बहुत फायदेमंद माना गया है. बता दें महाराष्ट्र के पशुपालक के लिए विदेशी नस्ल की गाय काफी मुनाफेदार साबित हो रही है. किसान इन गायों का पालन कर काफी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. आइये जानते हैं इन विदेशी नस्ल की गायों के बारे में जो आमदनी के मामले में अच्छा जरिया हैं.
दरअसल, महाराष्ट्र के किसान जर्सी और होल्स्टीन नस्ल (Jersey And Holstein Breed ) की गाय का पालन कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि इस नस्ल की गायों से दूध उत्पादन में जबरदस्त वृद्धि हुई है और मुनाफा भी अच्छा कमा रहे हैं.
होल्स्टीन गाय की खासियत (Characteristics Of The Holstein Cow)
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होल्स्टीन गाय आकार में बड़ी होती हैं.
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उनका वजन लगभग 600 किलोग्राम है और उन्हें सबसे बड़ी डेयरी गायों के रूप में जाना जाता हैं.
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यह दूध उत्पादन के लिए अच्छी मानी जाती हैं.
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इन गायों को उचित देखभाल की आवश्यकता पड़ती है.
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यह गाय उच्च तापमान को सहन नहीं करती हैं, इसकी दूध वसा हमारी देशी गायों की तुलना में कम होती है.
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होल्स्टीन गाय प्रतिदिन 25 से 30 लीटर दूध का उत्पादन करती हैं
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इन गायों से पशुपालक 50 से 60 हजार रुपये कमा लेते हैं.
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इन गायों का रंग हल्का लाल, मध्यम आकार और चौड़ा माथा होता हैं.
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ये गायें भारतीय जलवायु को आसानी से सहन कर लेती हैं.
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जर्सी गायों का वजन 400 से 450 किलोग्राम के बीच होता है.
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इनके दूध का सेवन से शरीर को रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है.
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