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लोबिया का चारा बढ़ाएगा पशुओं में दूध उत्पादन की क्षमता, जानिए कैसे?

आजकल किसान खेती-बाड़ी के साथ–साथ पशुपालन में अपनी रूचि दिखा रहे हैं, क्योंकि पशुपालन एक ऐसा व्यवसाय है, जिसमें किसानों को अच्छा मुनाफा मिल जाता है. जहां एक तरफ किसानों के लिए पशुपालन (Animal Husbandry) का कार्य मुनाफेदार साबित हो रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ पशुपालकों को पशुओं के कम होते दूध उत्पादन की चिंता सता रही है.

स्वाति राव
स्वाति राव
Cowpea
Cowpea

आजकल किसान खेती-बाड़ी के साथ–साथ पशुपालन में अपनी रूचि दिखा रहे हैं, क्योंकि पशुपालन एक ऐसा व्यवसाय है, जिसमें किसानों को अच्छा मुनाफा मिल जाता है. जहां एक तरफ किसानों के लिए पशुपालन (Animal Husbandry) का कार्य मुनाफेदार साबित हो रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ पशुपालकों को पशुओं के कम होते दूध उत्पादन की चिंता सता रही है.

ऐसे में आज हम पशुपालकों और किसानों की इस समस्या समाधान लेकर आए हैं. आज हम इस लेख में आपको पशुओं के दूध उत्पादन को बढ़ाने की जानकारी दाने वाले हैं.

दरअसल, आप सभी ने लोबिया का नाम सुना ही होगा. मगर क्या आप जानते हैं कि लोबिया का चारा पशुओं के लिए बहुत फायदेमंद होता है. लोबिया एक प्रकार का हरा चारा होता है, जिसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है. इसके साथ ही फोस्फोरस और कैल्सियम की मात्रा भी अधिक पायी जाती है. यह पशुओं में दूध उत्पादन की क्षमता बढ़ाने में सहायक है.

लोबिया चारा है दूध उत्पादन के लिए लाभकारी (Cowpea fodder is beneficial for milk production)

अगर किसान भाई अपने पशुओं को लोबिया चारा (Cowpea Fodder) का सेवन करवाते हैं, तो इसके सेवन से पशुओं में लगभग 6 से  7 लीटर प्रति दिन दूध देने की क्षमता बढ़ सकती है. इसके साथ ही किसानों की आय दोगुनी होने की सम्भावना होती है. बता दें कि लोबिया को मुख्य रूप से भोजन के रूप में महत्व दिया जाता है.

इस खबर को भी पढ़ें - पशुओं में फास्फोरस की कमी के लक्षण एवं समाधान

कभी-कभी इनका उपयोग पशुओं को खिलाने के लिए किया जाता है. वहीं, लोबिया चारा, दानों, लताओं और पत्तियों, या ताजा घास को चारे के लिए उपयोग किया जाता है.

क्या है लोबिया (what is cowpea)

लोबिया एक वार्षिक जड़ी-बूटी वाली फलियां (Herb Legumes) है, जिसकी खेती बीजों या चारे के लिए की जाती है. इसकी पत्तियाँ अंडाकार पत्तों वाली त्रिकोणीय होती हैं, जो 6-15 सेमी लंबी और 4-11 सेमी चौड़ी होती हैं.

इसके फूल सफेद, पीले, हल्के नीले या बैंगनी रंग के होते हैं. इसकी फली जोड़े में पाई जाती हैं. इसकी प्रति फली में 8 से 20 बीज होते हैं. इसके साथ ही बीज सफेद, गुलाबी, भूरा या काला होते हैं.  

English Summary: cowpea fodder will increase daily milk production capacity in animals Published on: 27 October 2021, 03:37 IST

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