
Goat Farming: बकरी पालन करने वाले किसानों के लिए एक खुशखबर है. केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (CIRG), जो कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के तहत आता है, उसने एक खास AI आधारित स्मार्टफोन ऐप विकसित किया है. इस ऐप की मदद से किसान अब बकरी की तस्वीर लेकर उसका सही वजन और अनुमानित दाम आसानी से पता कर सकेंगे.
आइए आज के इस आर्टिकल में हम बकरी के इस AI ऐप के बारे में विस्तार से जानते हैं ताकि किसान इसका सही तरह के इस्तेमाल कर उपयोग में ला सके.
कैसे काम करेगा यह ऐप?
किसान को बस बकरी की तीन अलग-अलग कोणों से तस्वीरें मोबाइल में क्लिक करनी होंगी. फिर यह ऐप उन तस्वीरों के आधार पर बकरी का सटीक वजन बताएगा. इस तकनीक के आने से तराजू की ज़रूरत खत्म हो जाएगी. CIRG के निदेशक डॉ. मनीष कुमार चटली के मुताबिक यह ऐप अगले 3-4 महीनों में आम जनता के लिए उपलब्ध होगा और साथ ही इसे उपयोग करना बहुत सरल होगा.
किसानों को क्या मिलेगा फायदा?
इस ऐप के आने से बकरी के वजन के आधार पर सही कीमत तय करना आसान हो जाएगा. इससे व्यापार में पारदर्शिता आएगी और धोखाधड़ी की संभावना कम होगी. खासकर छोटे और सीमांत किसानों को लाभ होगा, जिन्हें अक्सर बकरियों के सही दाम नहीं मिल पाते. यह ऐप बकरी पालन को वैज्ञानिक और व्यवस्थित बनाने में मददगार साबित होगा.
भारत में बकरी पालन की स्थिति
भारत में लगभग 15-16 करोड़ बकरियां हैं, जिनमें से करीब 12 करोड़ मांस उत्पादन के लिए पाली जाती हैं. हालांकि बकरी बाजार अभी भी काफी हद तक असंगठित है, जहां ज्यादातर सौदे संख्या के आधार पर होते हैं न कि वजन और गुणवत्ता के आधार पर. इस ऐप से इस असंतुलन को दूर करने में मदद मिलेगी.
ब्लैक बंगाल नस्ल को मिलेगा विशेष लाभ
ब्लैक बंगाल नस्ल की बकरियों का वजन तेजी से बढ़ता है और उनका मांस गुणवत्ता में बेहतर होता है. यह नस्ल मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में पाई जाती है. इस ऐप के जरिए ब्लैक बंगाल नस्ल की बकरियों की सही कीमत किसानों तक पहुंच पाएगी.
AI ऐप के आने से बकरी पालन क्षेत्र में पारदर्शिता और वैज्ञानिकता बढ़ेगी. इससे किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी और पूरे बकरी बाजार का स्वरूप सुधरेगा. यह तकनीक पशुपालकों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित होने जा रही है.
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