1. Home
  2. पशुपालन

Artificial Insemination: इन पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान से मिलेगा पशुपालकों को फायदा, जानें क्या है यह विधि

किसान भाइयों को लाभ पहुंचाने व पशुओं की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination) की प्रक्रिया सबसे उत्तम मानी जाती है. इस लेख में जानें कि यह विधि क्या है और किन पशुओं में इसके इस्तेमाल से अधिक लाभ मिलता है.

लोकेश निरवाल
लोकेश निरवाल
Artificial Insemination
Artificial Insemination

किसानों के लिए पशुपालन का व्यवसाय (Animal Husbandry Business) कमाई का सबसे अच्छा विकल्प बन चुका है. कुछ किसान तो इस बिजनेस से लखपति से करोड़पति बन चुके हैं. गांव हो या फिर शहर सभी लोग इस व्यवसाय को तेजी से अपना रहे हैं. भारत सरकार की तरफ से भी इस काम के लिए आर्थिक रूप से मदद दी जाती है, ताकि वह अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सकें.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पशुपालन के लिए लोगों के द्वारा पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान की तकनीक को सबसे अधिक अपनाया जा रहा है. आज हम आपके लिए इस लेख में कृत्रिम गर्भाधान क्या है और इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आए हैं.

कृत्रिम गर्भाधान क्या है ?  (What is Artificial Insemination?)

हमारे देश में ऐसे कई पशुपालन भाई हैं, जो कृत्रिम गर्भाधान क्या है इसके बारे में जानते ही नहीं है, बता दें कि कृत्रिम गर्भाधान (AI) एक सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (एआरटी) है, जिसका उपयोग संग्रहित वीर्य को सीधे पशुओं के गर्भाशय में जमा करने के लिए इस्तेमाल में किया जाता है. यह प्रजनन प्रदर्शन और पशुधन की आनुवंशिक गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए एक बेहतरीन तकनीक मानी गई है. इससे कई तरह के लाभ होते हैं.

इन पशुओं का कराएं कृत्रिम गर्भाधान

बकरी (Goat) - एआइ तकनीक कृत्रिम गर्भाधान से बकरियों के झुंड को एक समय पर भी गर्भधारण करवा कर बच्चे प्राप्त किए जाने की सरल विधि है. एक साथ सब का गर्भाधान होने पर इनकी देखभाल भी अच्छे तरीके से की जा सकती है. साथ ही इस विधि के चलते बकरी के शिशु मृत्यु दर में भी कमी होगी. बता दें कि 1 बकरी करीब 14 माह में 35 से 40 किलो की हो जाती है, लेकिन ऐसे में इनके ग्रोथ रेट (Growth Rate) में कमी देखने को मिल रही है, जिसके चलते इनको अब 16 माह लग जाते हैं, जिससे पशुपालकों को काफी नुकसान होता है. एआई तकनीक से उत्पन्न बकरी 1.5 लीटर दूध देती है एवं दूध में प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है.

ये भी पढ़ें: लम्पी वायरस से मवेशी परेशान, जानें और किन रोगों से पशुओं को होती है दिक्कत, ऐसे करें बचाव

देसी गाय (Desi Cow) - इन गायों में कृत्रिम गर्भाधान प्रक्रिया से अच्छी नस्ल के बच्चे पैदा होंगे, जैसे की साहिवाल और थार्पकर आदि. इसके अलावा इसके इस्तेमाल से गायों के दूध उत्पादन में भी वृद्धि की जा सकती है. इसके इस्तेमाल से गायों में 11 माह तक दूध देने की क्षमता रहती है. साथ ही आवारा पशुओं की संख्या में भी कमी देखी जाती है.

English Summary: Artificial Insemination: These animals will get benefit from artificial insemination, know what it is Published on: 27 May 2023, 12:53 IST

Like this article?

Hey! I am लोकेश निरवाल . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News