पशुपालक किसानों की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक उनके पशुओं के घाव पर कीड़े का लगना. पशुओं में किसी चोट के कारण घाव का होना आम बात है, लेकिन कई बार देखने को मिलता है कि घाव में कीड़े लग गए हैं, जिसकी वजह से पशुओं में हुए कीड़े वाले घाव ठीक होने में काफी लंबा वक्त लग जाता है. इससे पशुओं को असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं कई बार इससे पशुओं की मौत भी हो जाती है. ऐसे में हम किसान भाईयों को यहां बताने जा रहे हैं कि कैसे वो अपने पशुओं को इस समस्या से बचा सकते हैं.
पशुओं के घाव में कीड़े पड़ने का कारण
आमतौर पर ये रोग पशुओं के घाव पर एक प्रकार की हरी मक्खी के बैठने से पड़ता है. मक्खी पहले घाव पर अपना सफेद मल (अघाडी) छोड़ती है. इसके बाद वो मल कुछ वक्त में कीड़े के रूप में बदल जाता है. ऐसी स्थिति में पशुओं को पशु चिकित्सक से जल्द से जल्द इलाज करवा लेना चाहिए.
पशुओं के घाव पर कीड़े पड़ने से बचाने के उपाय
जहां घाव में कीड़े लगे हैं वहां सुबह-शाम काली फिनाइल डालें. इसके बाद अगर पट्टी चिपक सकें तो चिपका दें. एक सप्ताह में घाव ठीक होने की संभावना होती है.
अगर खुर के घाव में कीड़े पड़े हैं तो फिनाइल, तारपीन का तेल व कपूर का घोल मिलाकर ग्रसित स्थान पर लगाएं. इसके साथ ही आप चाहें तो फिनाइल व कपूर की गोली पिसकर खुर के घाव में भर सकते हैं और उसपर पट्टी लगा सकते हैं.
आधा लीटर गर्म पानी (इसे ठंडा कर दें) और इसमें आधा चम्मच पोटेसियम पारमागानेट मिलाकर इसका घोल बना लें और इससे दिन में एकबार खुर के घाव को धोएं. इससे खुर के घाव पकना जल्दी ठीक होने की संभावना रहती है.
पानी और फिटकरी के घोल को घाव पर लगाएं.
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Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जानकारियों और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. इसलिए दी गई जानकारी को अमल में लाने से पहले किसी योग्य एवं अनुभवी पशु चिकित्सक से परामर्श जरूर ले लें.
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