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गाय की इन नस्लों से पशुपालक को मिलता है अच्छा दूध उत्पादन, पढ़िए पूरी खबर

आजकल कम समय में अधिक मुनाफ़ा कमाने का एकमात्र जरिया है पशुपालन. जी हां, अगर आप नौकरी न करके पशुपालन की तरफ रूख करते हैं, तो इससे आपको बहुत अच्छा मुनाफ़ा मिल सकता है. आज के समय में कई ऐसे पशुपालक हैं, जो कि पशुपालन करके एक बेहतर जिंदगी जी रहे हैं.

कंचन मौर्य
कंचन मौर्य
Cow Rearing
Cow Rearing

आजकल कम समय में अधिक मुनाफ़ा कमाने का एकमात्र जरिया है पशुपालन. जी हां, अगर आप नौकरी न करके पशुपालन की तरफ रूख करते हैं, तो इससे आपको बहुत अच्छा मुनाफ़ा मिल सकता है. आज के समय में कई ऐसे पशुपालक हैं, जो कि पशुपालन करके एक बेहतर जिंदगी जी रहे हैं.

अगर पशुपालन की बात की जाए, तो इसके तहत कई दुधारू पशुओं का पालन किया जाता है, लेकिन आधुनिक समय में गाय पालन (Cow Rearing) का व्यवसाय बहुत तेजी से बढ़ रहा है. हमारे सामने कई ऐसे उदाहरण है, जिन्होंने खेती के साथ-साथ गाय पालन करके एक मिसाल कयाम की है. आज हम एक ऐसे ही शख्स की बात करने जा रहे हैं, जिनका नाम गिरधारीलाल माधुलाल है. वह मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के रहने वाले हैं. आइए आपको गाय पालन में उनकी सफलता की कहानी बताते हैं.

आपको बता दें कि गिरधारीलाल के पास मालवा में जमीन थी, जिससे बेचकर 20 एकड़ जमीन अपने ही गांव नरसिगपूरा में खरीद ली. वह पिछले 20 सालों से खेती कर रहे हैं. इसके अलावा वह गाय पालन भी करते हैं.

गाय पालन से लाभ

गिरधारीलाल बताते हैं कि उनके पास 5 गाय है, जिसमें देसी, जर्सी और संकर नस्ल की गाय शामिल है. जर्सी गाय से उन्हें प्रतिदिन 20 लीटर दूध दोनों समय प्राप्त होता है. इसके अलावा देसी गाय प्रतिदिन 5 लीटर दूध एक समय में देती है. वह गाय को मक्का, बाजरा, जौ आदि जैसा संतुलित दाना खिलाते हैं.

गाय पालन से खेती में हुआ फायदा

पहले खेती की जमीन में कठोरपन आ गया था, जिस कारण खेती सही से हो नहीं पाती थी. इसके बाद जमीन पर गौ मूत्र का इस्तेमाल करना शुरू किया, फिर धीरे-धीरे जमीन का कठोरपन दूर होता नजर आने लगा. अब जमीन की उर्वरता शक्ति बढ़ने लगी है और फसल का उत्पादन भी अच्छा प्राप्त हो रहा है.

इसके बाद गिरधारीलाल ने मिश्रित खेती करना शुरू किया. उन्होंने 20 एकड़ में गन्ना लगाया था, जिसका उत्पादन भी अच्छा प्राप्त हुआ. इसके अलावा मिश्रित खेती में कपास, मक्का, तुवर व गेंदा की खेती की. इससे भी काफी अच्छा उत्पादन मिला है. गिरधारीलाल बताते हैं कि वह घर पर मटका खाद का निर्माण करके पूरे खेत में उसका उपयोग करते हैं. इससे काफी लाभ होता है. उनकी खेती को देखकर गांव के और किसान भी जैविक खेती का रूख कर रहे हैं. उन्होंने गोबर गैस का भी निर्माण करवाया है. इसके साथ ही डेयरी का काम भी चल रहा है.

अगर कोई पशुपालक गिरधारीलाल माधुलाल से संपर्क करना चाहता है, तो नीचे दिए गए नंबर पर संपर्क कर सकता है.

गिरधारीलाल माधुलाल

खरगोन, मध्य प्रदेश

9977907213

English Summary: Animal breeders get good milk production from these breeds of cow Published on: 28 January 2021, 05:39 IST

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