जीवनकाल एक साइकिल है जो घूम फिरकर थोड़े बहुत बदलाव के साथ एक ही स्थान पर आ जाता है. पहले प्राचीन काल में प्रकृति द्वारा उत्पादित फलों एवं वनस्पतियों का इस्तेमाल मानव करता था. जिससे की वो लम्बे समय तक स्वस्थ रहता था. समय के अनुसार जीवनचक्र बदलता गया मानव को नए बदलाव देखने को मिले किसान ने कृषि रसायनों को अपना शुरू किया और यह इतना बढ़ गया कि मानव शरीर के लिए चलते फिरते ज़हर मशीन की तरह हो गया. ऐसे में फिर से मानव को जैविक और वानस्पतिक उत्पादों की याद आयी. खासकर हमारे देश में अब फिर से जैविक उत्पादों एवं जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. पहले जब कभी भारत आर्यावर्त हुआ करता था उस समय ऋषि-मुनि जैविक खेती किया करते थे लेकिन अब फिर जैविक खेती की आवश्यकता नजर आ रही है. इसलिए देश में फिर से जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. जैविक खेती को बढ़ावा देने में निजी क्षेत्र एक सक्रिय भूमिका निभा रहा है. जिसमें कृषि में उपयुक्त जैविक उत्पाद बनाने वाली कंपनी सिक्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड बहुत ही अहम भूमिका निभा रही है. इस सन्दर्भ में कृषि जागरण ने कंपनी के निदेशक जयंतीभाई कुम्भानी से बात की पेश है कुछ मुख्य अंश..........
प्रश्न : कृषि क्षेत्र में आपका क्या अनुभव है ?
संसार में कृषि का इतिहास बहुत पुराना है. भारत को कृषि के मामले में प्राचीन काल से ही अग्रणी देश के रूप में देखा जाता है. मै भी किसान परिवार से ताल्लुक रखता हूँ. इसलिए कृषि से मेरा पुराना नाता रहा है. मैंने एग्रीकल्चर में बीएससी किया किसानों के यहाँ काफी फील्ड विजिट किए. कृषि के क्षेत्र में मेरा ख़ासा अनुभव रहा है. मुझे कही ने कही लगा कि कृषि के क्षेत्र में कुछ नया करने की आवश्यकता है फिर यही से सिक्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड की शुरुआत हुई.
सिक्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड के विषय में कुछ बताए?
जैसा कि मैंने बताया कि मुझे लगा कृषि के क्षेत्र में कुछ अलग करने की आवश्यकता है तो इसलिए मैंने आज से 21 साल पहले यानी साल 1997 में सिक्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड की शुरुआत कि जिसके पीछे उद्देश्य था किसानों को जैविक खेती करने के लिए ऐसे जैविक उत्पाद उपलब्ध कराना जिससे की किसान अधिक पैदावार ले सके और पर्यावरण भी सुरक्षित रहे. आज हम अपने वादे पर खरा उतर रहे हैं.
सिक्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड कौन-कौन से उत्पाद किसानों को उपलब्ध करा रही है ?
सिक्को इंडस्ट्रीज कृषि के कई सेगमेंट में काम कर रही है. मुख्य रूप से हम बायो एग्रो केमिकल्स, ऑर्गेनिक फ़र्टिलाइज़र, पेस्टिसाइडस, बीज एवं सोइल हेल्थ कंडीशनर उत्पादों में डील करती हैं. यह सभी जैविक उत्पाद है. मार्किट में यह उत्पाद आसानी से उपलब्ध है. इन सभी कृषि अनुभागों में काम करते हुए हम किसानों को अपनी सेवाए दे रहे हैं.
क्या सरकार जैविक खेती को प्रोत्साहित कर रही है ?
हाँ सरकार जैविक खेती को तो प्रोत्साहन दे रही है. मेक इन इंडिया कैम्पेन के तहत सरकार जैविक खेती को प्रोत्साहित कर रही है. जिसमें हम भी अपनी भागीदारी निभा रहे हैं. सरकार के इसी उद्देश्य के तहत हम किसानों को 50 से अधिक जैविक उत्पाद उपलब्ध करा रहें हैं. हमारी कोशिश है कि किसान कृषि रसायनों को कम करके जैविक खेती की ओर रुख करें. इसलिए हमारा उद्देश्य भी जैविक खेती ओर किसानों आकर्षित करना है.
कंपनी की मौजूदा स्थिति के विषय में कुछ बताए ?
सिक्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड क्षेत्रीय बाजार में बड़े स्तर पर काम कर रही है. यहाँ हमारे लगभग 4 हज़ार से अधिक डीलर और डिस्ट्रीब्यूटर देश भर में काम कर रहे हैं. जिससे कंपनी का एक बड़ा और मजबूत नेटवर्क क्षेत्रीय बाजार में किसानों की जरूरतों को पूरा कर रहा है. अंतराष्ट्रीय बाजार में भी हमारी पहुँच है. फिलहाल हम बांगलादेश, श्रीलंका और अफ्रीकन देशों में काम कर रहे हैं. इसके अलावा और अन्य देशों में एक्सपोर्ट पर भी हम ध्यान दे रहे हैं.
जैविक कृषि उत्पाद बनाने वाली कंपनियों को किसी तरह की समस्याओं का सामना करना पड रहा है ?
हाँ, इसमें कई बाते हैं एक तो किसानों तक जैविक खेती की योजना पूरी तरह से नहीं पहुँच रही है. दुसरे इस क्षेत्र में कुछ ही गिनी चुनी कंपनियां हैं जो जैविक कृषि रसायन एवं जैविक उर्वरक बनाती हैं. जब यह कंपनियां इन उत्पादों को बनाकर बेचने के लिए मार्किट में लेकर आती है तो उस समय सरकार के अड़ंगे शुरू हो जाते हैं और सरकार इन उत्पादों को बेचने का लाईसेन्स मांगने लगती है. एक तरफ तो सरकार जैविक खेती को प्रोत्साहित करती हैं, वही दूसरी ओर सरकार इनको बेचने के नाम लागू होने वाले लाईसेन्स को इशू करने के नाम पर कहती है कि ऐसा कोई मानदंड ही नहीं है जिसके तहत कृषि लाईसेंस दिया जाए. यह जैविक कृषि उत्पादों को बेचने में सबसे बड़ी परेशानी है. इसलिए सरकार को इसमें सुधार करने की जरुरत है. इसके लिए मजबूत नीति की आवश्यकता है.
किसानों को आप क्या कहना चाहेंगे ?
देश के किसान भाईयों को मै कहना चाहूँगा कि उनको कृषि रसायनों का साथ कम करके जैविक खेती की ओर रुख करना चाहिए. किसान कोई भी जैविक उर्वरक या जैविक रसायन खरीदने से पहले पहले उसकी अच्छी प्रकार से जांच कर ले की वह असली है या नहीं. हमेशा विश्ववसनीय कंपनी के ही जैविक उत्पाद ख़रीदे ताकि किसानों को कोई नुक्सान न हो. क्योंकि इस समय नकली जैविक उत्पाद बनाने वाले बहुत से फ्रॉड कंपनी सक्रिय हैं. वो नकली उत्पादों का निर्माण कर उस पर लेबलिंग करके बेचते हैं. इसलिए किसान सतर्क रहे और जैविक खेती को अपनाएं. जय हिन्द.
English Summary: Farmers staying alert: J.M. Kumbhani
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