ग्रामीण भारत के लिए अच्छी खबर है. देश के सबसे महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना पर केंद्र सरकार बड़ा फैसला लेने की तैयारी में है. सरकार इस योजना के अंतर्गत ऐसे परिवारों को लाभ देने का विचार कर रही है, जिनके पास अभी तक किसी तरह के पहचान पत्र नहीं है. मीडिया रिपार्ट के मुताबिक पेट्रोलियम मंत्रालय इस योजना के तहत समाज के उस तबके को लाभ देने जा रहा है जो पहचान पत्र से वंचित हैं.
लाइव हिंदुस्तान डॉट कॉम समाचार पोर्टल की एक खबर के मुताबिक भारत में घुमंतू समाज एवं अन्यं लोग अभी भी स्थाई निवास ना होने के कारण उज्ज्वला योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं. इसी बात को ध्यान में रखते हुए विचार किया जा रहा है कि इन तक रसोई गैस कैसे पहुंचाया जाएं.
आंकड़ों के मुताबिक बड़े स्तर पर ग्रामीण भारत में लोग पहचान पत्र के अभाव में उज्ज्वला योजना का लाभ नहीं ले पाते हैं. जबकि आर्थिक और सामाजिक तौर पर वो इसके अधिकारी हैं. विशेषकर ये समस्या घुमंतू जातियों एवं कई दूसरे तरह के परिवारों को लेकर है. इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर मंत्रालय ऐसे लोगों तक प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना को पहुंचाने की तैयारी में है.
मान्य दस्वावेजों में हो सकता है बदलाव
इस योजना को लेकर लाभार्थियों के लिए मान्य दस्वावेजों में सरकार बदलाव कर सकती है. पहचान पत्र के तौर पर घुमंतू समाज के लिए अलग तरह के विकल्प तलाशे जा रहे हैं.
क्या है उज्जवला योजना
इस योजना के तहत सरकार गरीब महिलाओं को मुफ्त में एलपीजी गैस कनेक्शन प्रदान करती है. योजना मुख्य उद्देश्य महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के साथ-साथ उनकी सेहत की सुरक्षा से भी जुड़ा है. इस काम के लिए मंत्रिमंडल ने 8,000 करोड़ रूपये का बजट भी पास किया है.
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