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सुन लो गांव वालों: बिजनेस शुरू करना है तो सरकार करेगी मदद, 10 करोड़ का लोन, 50 फीसदी देगी सब्सिडी

National Livestock Mission: किसानों और खासकर पशुपालकों की आय बढ़ाने और उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के तहत कुछ बड़े बदलाव किए हैं. अब योजना के तहत बिजनेस शुरू करने के लिए ग्रामीणों को 10 करोड़ रुपेय तक का लोन और 50 फीसदी तक की सब्सिडी दी जाएगी. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.

बृजेश  चौहान
बृजेश चौहान
राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना
राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना

National Livestock Mission: भारत के ग्रामीण इलाकों में खेती-बाड़ी के बाद पशुपालन आय का दूसरा सबसे बड़ा स्त्रोत है. आज भी ग्रामीण इलाकों में कई किसान पशुपालन के जरिए अपनी रोजी रोटी कमा रहे हैं. हालांकि, उन्हें उनता लाभ नहीं मिल पाता, जितना उन्हें मिलना चाहिए. पशुपालकों की इसी समस्या को देखते हुए और उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने एक बड़ी योजना की शुरुआत की है. केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के तहत कुछ बड़े बदलाव किए हैं. योजना में किए गए संशोधन से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की आमदनी में इजाफा होगा और उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा.

दरअसल, बुधवार (22 फरवरी) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई. बैठक में केंद्र सरकार ने घोड़े, गधे, खच्चर और ऊंट से जुड़े उद्यम स्थापित करने के लिए 50 प्रतिशत तक सब्सिडी देने के साथ विभिन्न गतिविधियों को शामिल कर राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना में संशोधन को मंजूरी दी. राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना में किए गए इस संशोधन के अनुसार, केंद्र सरकार घोड़े, गधे और ऊंट के लिए वीर्य (सीमन) और प्रजनन फॉर्म की स्थापना करने के लिए 10 करोड़ रुपये तक का लोन प्रदान करेगी. जिसके तहत, व्यक्तियों, किसान उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों और कंपनियों को 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी. इसके अलावा, सरकार ने घोड़ों, गधों और ऊंटों की नस्ल के संरक्षण के लिए राज्य सरकार को सहायता प्रदान करने का भी निर्णय लिया है.

चारे की खेती को मिलेगा बढ़ावा

संशोधन के तहत चारे की खेती को बढ़ावा देने पर भी काम किया गया है. चारा खेती के क्षेत्रों को बढ़ाने के लिए, राज्य सरकार को गैर-वन भूमि, बंजर भूमि/चरागाहों/गैर कृषि योग्य भूमि के साथ-साथ वन भूमि "गैर-वन बंजर भूमि/चरागाहों/गैर-कृषि योग्य भूमि" और "वन भूमि से चारा उत्पादन" के साथ-साथ निम्नीकृत वन भूमि में भी चारे की खेती के लिए सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया गया है. इससे देश में चारे की उपलब्धता बढ़ेगी.

पशुधन बीमा कार्यक्रम हुआ और भी आसान

संशोधन के बाद पशुधन बीमा कार्यक्रम को और सरल बना दिया गया है. किसानों के लिए प्रीमियम का लाभार्थी हिस्सा कम कर दिया गया है और यह मौजूदा लाभार्थी हिस्से 20 प्रतिशत, 30 प्रतिशत, 40 प्रतिशत और 50 प्रतिशत के मुकाबले 15 प्रतिशत होगा. प्रीमियम की शेष राशि केन्‍द्र और राज्य द्वारा सभी राज्यों के लिए 60:40, 90:10 के अनुपात में साझा की जाएगी. बीमा किए जाने वाले पशुओं की संख्या भी भेड़ और बकरी के लिए 5 मवेशी इकाई के बजाय 10 मवेशी इकाई तक बढ़ा दी गई है. इससे पशुपालकों को न्यूनतम राशि चुकाकर अपने बहुमूल्य पशुओं का बीमा कराने में सुविधा होगी.

क्या है राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना?

आपको बता दें कि भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में, किसान अपनी आय बढ़ाने के लिए पशुपालन का सहारा लेते हैं. सरकार द्वारा पशुपालन को प्रोत्साहित करने के प्रयास के तहत राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना की शुरुआत की गई है. इस योजना की शुरुआत 2014-15 में हुई थी. योजना के तहत, पशुपालनकर्ताओं और किसानों, खासकर छोटे किसानों का जीवनस्तर सुधारने और उनकी आय बढ़ाने पर ध्यान दिया जाता है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य अनुपान और चरा की मांग और आपूर्ति में अंतर को कम करना, देशी नस्लों का संरक्षण करना, मांस, अंडा, बकरी का दूध, और ऊन की उपज में वृद्धि करना है. इसके अतिरिक्त, भूमिहीन, छोटे और सीमांत किसानों के लिए आजीविका के अवसरों को बढ़ाना, जागरूकता में वृद्धि करना, पशुपालकों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान में वृद्धि करने का काम भी इस योजना के तहत किया जाता है. अब केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत कुछ बड़े बदलाव किए है. जिससे ग्रामीण आबादी को और फायदा होगा.

English Summary: what is national livestock mission yojana government will give a loan of 10 crore rupees know scheme benefits Published on: 22 February 2024, 03:39 IST

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