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इस योजना के अंतर्गत किसानों को अपने खेत पर मेड़ बनाकर बारिश के पानी को इकट्ठा किया जाएगा फिर उस पानी से किसान को दूसरे खेत की फसल की सिंचाई करना है.
मेड़बंदी क्या है ?
सरल भाषा में अगर बात की जाये तो मेड़बंदी घर की चार दीवारी करने जैसा ही है बस इतना अंतर है जब हम घर बनाते हैं तो तमाम चीजों का उपयोग करके चार दीवारी बनाते हैं लेकिन जब मेड़बंदी करते हैं तो खेत के और मिट्टी का एक छोटा सा रास्ता बनाते हैं.जो लोग गांव से हैं वो इससे अच्छी तरह से परिचित होंगे
मेड़बंदी के फायदे:
मेड़बंदी के कई सारे फायदे हैं जैसे खेत में पानी देने में आसानी होती है, और जब बरसात होती है तब खेत में पानी भर जाता है. जिससे खेत में नमी भी बढ़ती है और जमीन के नीचे के पानी का स्तर भी बढ़ता है. इसके साथ ही किसानों को मेड़बंदी से अपने खेत को मापने में भी आसानी होती है और सरकार के पास रिकॉर्ड भी रहता है.
सरकार के द्वारा की जा रही पहल:
मेड़बंदी योजना के तहत सरकार कई तरीकों से किसानों को प्रोत्साहित भी कर रही है. जिसमें सरकार पैसे भी दे रही है और खेत की मेड़ पर लगाने के लिए पौधे भी दे रही है.
जिसमें ज़्यादातर ऐसे पौधे होंगे जो किसानों की आय को बढ़ा सकें और उन्हें समृद्ध बना सकें. अनुदान लेने के लिए किसान को कम से कम 50 पौधे लगाने होंगे उससे ज़्यादा भी लगा सकते हैं. पौधरोपण के लिए एक पौधे की लागत 70 रुपए मानी है, इन 70 रुपए में किसान को भूमि की सफाई, गड्ढे खोदना, पौधे लगाना, पौधे की लागत, परिवहन व्यय, गोबर की खाद, उर्वरक, रसायन, पौधरोपण की लागत, तारबंदी व रखरखाव सब करना होगा.
आवेदन प्रक्रिया:
यह योजना जलशक्ति मंत्रालय के द्वार चलायी जा रही है. इससे जुड़ी ज्यादा जानकारी के लिए और अनुदान प्राप्त करने के लिए आप जलशक्ति मंत्रालय की वेबसाइट https://jalshakti-ddws.gov.in/ पर जाकर देख सकते
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