आज के दौर में ज्यादातर लोग अपना गांव छोड़कर देश के विभिन्न शहरों और विदेशों में काम करने चले जाते हैं. उत्तर प्रदेश से भी बड़ी संख्या में लोग अपने गांव से निकलकर बाहर काम कर रहे हैं. इससे कहीं ना कहीं गांव के विकास में रुकावट आ रही है.
इसी समस्या के समाधान के लिए उत्तर प्रदेश की सरकार एक अहम योजना लेकर आई है. इस योजना के जरिए लोग अपने गांव के विकास में अपना योगदान दे सकते हैं.
बता दें कि यह यूपी सरकार की ‘मातृभूमि योजना’ है, जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में मंजूरी दे दी गई है. अब मातृभूमि योजना के तहत उत्तर प्रदेश से बाहर जाकर बसे राज्य के लोग अपने गांव के विकास के लिए कार्य कर सकते हैं.
मातृभूमि योजना का मकसद
अगर कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह, जो कि अपने गांव से बाहर रहकर काम कर रहे हैं, लेकिन गांव में बिजली, पानी, सड़क, विद्यालय आदि विकास कार्यों के लिए अपनी तरफ से 60 प्रतिशत धनराशि खर्च करता है, तो इस योजना के तहत 40 प्रतिशत खर्च राज्य सरकार वहन करेगी.
सोसाइटी का भी होगा गठन
मातृभूमि योजना के लिए सोसाइटी का भी गठन किया जाएगा. इस सोसाइटी को लगभग 100 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध कराई जाएगी. इसका उपयोग किसी योजना हेतु राज्यांश के बजट की उपलब्धता न होने पर किया जाएगा. इसके साथ ही बजट उपलब्ध होने पर इसे वापस लौटाया जाएगा.
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इसके अलावा मंत्रिपरिषद ने अन्त्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्डधारकों के लिए आयोडाइज्ड नमक, दाल/साबुत चना, खाद्य तेल एवं खाद्यान्न के निःशुल्क वितरण सम्बन्धी प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है.
इसके साथ ही मातृभूमि योजना को बहुत लाभकारी माना जा रहा है, क्योंकि इस योजना के जरिए अब गांव का विकास हो पाएगा. बता दें कि आज के दौर में शहर के साथ-साथ गांव का विकास होना भी बहुत जरूरी है.
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