आजकल कृषि के क्षेत्र में तकनीकी विकास के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. सरकार की यह कोशिश है कि किसान आधुनिक उपकरणों का प्रयोग करके अपनी लागत में कमी लाएं और पैदावार में वृद्धि हो, इसलिए कृषि में मशीनीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है और फसलों के अवशेष प्रबंधन पर भी ध्यान दिया जा रहा है.
50 से 80% अनुदान का है प्रावधान
कृषि यंत्रों पर अनुदान के लिए सरकार ने 25 अगस्त अंतिम तिथि निर्धारित की है. इस तिथि तक किसान नौ प्रकार के कृषि यंत्रों पर अनुदान प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें विभाग में आवेदन करना होगा.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अब तक हरियाणा में 2000 से ज्यादा किसानों को कृषि यंत्रों का आवंटन किया जा चुका है.
क्या है योजना
कृषि विभाग के अनुसार 2022 - 23 में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा कृषि में मशीनीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए फसल अवशेष प्रबंधन योजना के अंतर्गत कृषि यंत्रों पर अनुदान का प्रावधान किया गया है. इस योजना के अंतर्गत शामिल कृषि यंत्र है - स्ट्रॉ बेलर, हैप्पी सीडर, पैडी स्ट्रॉ चॉपर, सुपरपैडी स्ट्रा चोपर, मल्चर, रोटरी स्लेशर, शर्ब मास्टर, रिवर्सिबल एमबी प्लो, सुपर सीडर, जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, रिपर कम बाइंडर, ट्रैक्टर चालित क्राप रिपर और स्वचालित क्रॉप रिपर.
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कैसे लें योजना का लाभ
इस योजना का लाभ लेने की इच्छुक किसान विभाग की वेबसाइट पर 'मेरी फसल मेरा ब्योरा' के अंतर्गत अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. यह रजिस्ट्रेशन 25 अगस्त तक ऑनलाइन कराया जा सकता है. विभाग के अनुसार, इसमें रजिस्ट्रेशन कराने वाले किसान उत्पादक संगठन को 80% तथा व्यक्तिगत श्रेणी में अधिकतम 50% तक अनुदान दिया जा सकेगा बशर्ते संबंधित किसान ने उस यंत्र पर पिछले 2 साल में अनुदान का लाभ ना लिया हो.
ये हैं आवश्यक शर्तें
इस योजना का लाभ पाने की एक शर्त यह है कि कृषि यंत्रों की खरीद सूचीबद्ध कृषि यंत्र निर्माताओं से होनी चाहिए. यानी ये लिस्टेड मैन्युफैक्चरर होने चाहिए. इसके अलावा जिन कृषि यंत्रों की लागत ढाई लाख से कम है, उसके 2500 रुपए एवं जिनकी लागत ढाई लाख से अधिक है उसके लिए 5000 की टोकन राशि जमा करवाना आवश्यक होगा. आपको बता दें कि यह राशि रिफंडेबल होगी.
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