प्रधानमंत्री श्रम योगी मान धन योजना (PM Shram Yogi Maan Dhan Pension Scheme) असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के हित में लागू की गई है. इसके तहत घरेलू कामगार, रिक्शा चालक, धोबी और खेतिहर मजूदर जैसे लोगों को पेंशन दी जाती है. यानी जिन लोगों के पास बचत करने का कोई जरिया नहीं होता है, जिससे वह अपने बुढ़ापे का गुजारा कर पाएं. यह योजना उन लोगों के लिए पेंशन उपलब्ध कराती है. बता दें कि मोदी सरकार द्वारा कोरोना महामारी के बीच प्रधानमंत्री श्रम योगी मान धन योजना की शुरुआत की गई है.
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क्या है पीएम श्रम योगी मान धन योजना?
इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कराने के बाद बुढ़ापे की चिंता करने की जरूरत नहीं होती है, साथ ही उस उम्र में काम करने की जरूरत भी नहीं पड़ती है. दरअसल, इस योजना के तहत 60 साल की उम्र के बाद सालाना 36 हजार रुपए की पेंशन दी जाती है. खास बात है कि पति-पत्नी ,दोनों इस योजना के भागीदार हो सकते हैं. इस तरह आप सालाना 72 हजार रुपए की पेंशन का लाभ उठा सकते हैं. बता दें कि हर महीने 3 हजार रुपए की पेंशन दी जाती है. फिलहाल, हमारे देश में लगभग 42 हजार करोड़ श्रमिक असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं. अभी तक इस योजना में लगभग 64 लाख लोग रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं.
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इन लोगों को मिल सकता है लाभ
आपको बता दें कि इस योजना का लाभ उन लोगों को मिलता है, जो कि असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं. मगर इसके लिए कुछ शर्तें रखी गई हैं.
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पीएम श्रम योगी मान-धान योजना का लाब 18 से 40 साल की उम्र के लोगों उठा सकते हैं.
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अगर आपकी कमाई 15 हजार रुपए से कम है, तो आप आसानी से योजना का लाभ उठा सकते हैं.
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इसके तहत हर महीने कामगारों को 3 हडार रुपए की पेंशन मिलती है.
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अगर पार्टनर की असमय मृत्यु हो जाती है, तो परिवार को पेंशन देने का प्रावधान लागू है.
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व्यक्ति पेंशन खाते में जितना योगदान करेगा, उतना ही योगदान सरकार द्वारा दिया जाएगा.
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