पीएम नरेंद्र मोदी ने किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (Pradhan Mantri Krishi Sinchai Yojana/PMKSY) की शुरुआत की है. इस योजना के तहत किसानों को खेतों की सिंचाई करने के लिए उपकरणों (Equipment for Irrigation) पर भारी सब्सिडी दी जा रही है. इससे किसानों को खेतों में सिंचाई करने में काफी मदद मिलेगी. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के किसानों को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (Pradhan Mantri Krishi Sinchai Yojana/PMKSY) के तहत सिंचाई यंत्रों पर सब्सिडी दी जा रही है. आइए आपको इस संबंध में पूरी जानकारी देते हैं.
सिंचाई यंत्रों पर सब्सिडी
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (Pradhan Mantri Krishi Sinchai Yojana/PMKSY) के तहत टपक (ड्रिप) और फव्वारा (स्प्रिंकलर) पद्धति के सिंचाई यंत्रों पर 80 से 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है. इस योजना के तहत 5 हेक्टेयर तक जोत रकबे पर सब्सिडी दी जाएगी. इस तरह किसान खेत में ड्रिप व स्प्रिंकलर लगाकर कम पानी में फसल की बेहतर पैदावार ले सकते हैं.
पानी की बचत
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि किसान टपक और फव्वारा पद्धति के इस्तेमाल से कम से कम 30 से 40 प्रतिशत तक पानी की बचत कर सकते हैं. इससे फसल को उर्वरक और सूक्ष्म पोषक तत्व देने में आसानी रहती है. बता दें कि टपक पद्धति से सिंचाई करने में पानी सीधे पौधे की जड़ों में जाता है. यह पद्धति बागवानी और गन्ना उत्पादक किसानों के लिए बहुत उपयोग मानी जाती है. इसके अलावा फव्वारा पद्धति में रेनगन की मदद ली जाती है, जिससे पानी फसल के ऊपरी हिस्सों में लग जाता है. इसका उपयोग सभी तरह की खड़ी फसलों, रसायन, उर्वरक और सूक्ष्म पोषक तत्व देने के लिए किया जाता है.
2 हेक्टेयर पर मिलेगी 90 प्रतिशत सब्सिडी
इस योजना के तहत 2 हेक्टेयर जोत पर 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी, तो वहीं इससे ऊपर के रकबे पर 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी. इन यंत्रों के प्रयोग से कम लगात और मेहनत में खेती की जा सकती है.
निशुल्क कराएं पंजीकरण
किसानों को सबसे पहले विभाग जाना होगा.
यहां निशुल्क पंजीकरण कराना होगा.
निर्धारित प्रारूप को भरकर किसी भी कार्यालय में जमा करना होगा.
अब यंत्र खरीदकर विभाग को सूचित करना होगा.
फिर भौतिक सत्यापन के बाद सब्सिडी की राशि बैंक खाते में भेज दी जाएगी.
पंजीकरण के लिए ज़रूरी दस्तावेज
खतौनी नंबर
आधार कार्ड
बैंक पासबुक
मोबाइल नंबर
संपर्क सूत्र
अगर किसी किसान को अधिक जानकारी लेनी है, तो वह किसी भी कार्य दिवस में कार्यालय जाकर संपर्क कर सकते हैं
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