केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं. किसानों के लिए योजनाओं को चलाने में हरियाणा सरकार भी अछूती नहीं है. बता दें हरियाणा सरकार द्वारा किसानों के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, पशुपालन एवं डेयरी विभाग और बागवानी विभाग की योजनाएं चलाई जाती हैं. इन्हीं में एक भावान्तर भरपाई योजना भी है.
क्या है भावान्तर भरपाई योजना?
लॉकडाउन में बागवानी उत्पादकों (किसानों) के लिए मण्डी में उत्पादन के कम दाम मिलने के चलते ही हरियाणा सरकार द्वारा इसकी भरपाई करने के लिए भावान्तर भरपाई योजना शुरू की गई है. बता दें, इस योजना के माध्यम से किसानों को चार फसलें (टमाटर, प्याज, आलू एवं फूलगोभी) का सही दाम दिया जाता है.
योजना की मुख्य विशेषताएं:
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सब्जी काश्तकारों को जोखिम मुक्त करना.
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योजना के अंतर्गत उक्त चार फसलों पर 48000 रुपए से 56000 रुपए प्रति एकड़ आमदनी सुनिश्चित करना.
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योजना के अंतर्गत टमाटर, प्याज, आलू एवं फूलगोभी के लिए संरक्षित मूल्य निर्धारित करना.
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मण्डी में निर्धारित अवधि के अन्दर सब्जी के कम दाम में बिकने पर वेबसाईट (hsamb.gov.in) पर BBY ई-पोर्टल के माध्यम से पंजीकृत किसानों को संरक्षित मूल्य तक भाव के अंतर की सरकार द्वारा भरपाई.
कौन ले सकता है लाभ?
इस स्कीम का लाभ भूमि मालिक, पट्टेदार या किराये पर काश्तकार लेने के पात्र हैं.
योजना का लाभ कैसे उठाएं?
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उत्पादक को निर्धारित अवधि के दौरान ई-पोर्टल पर अपना पंजीकरण सुनिश्चित करना होगा अन्यथा वह इस योजना के तहत प्रोत्साहन राशि का पात्र नही होगा.
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उत्पादक को निर्धारित बिक्री अवधि के दौरान उसके उत्पाद की बिक्री हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड की मंडियों में सुनिश्चित करनी होगी..
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इस योजना के अंतर्गत प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने के लिए उत्पादक को अपने उत्पाद को बेचने पर "जे" फॉर्म लेना अनिवार्य होगा.
अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर विजिट करें : https://ekharid.in/Home/BhavantarBharpaiiYojana
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