
Government schemes for farmers: भारत एक कृषि प्रधान देश और यहां की बड़ी आबादी आज भी खेती-किसानी पर निर्भर है. ऐसे में केंद्र सरकार किसानों की आर्थिक, तकनीकी और सामाजिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कई योजनाएं चला रही है. ये योजनाएं न सिर्फ आर्थिक सहारा देती हैं, बल्कि खेती को आधुनिक और सुरक्षित भी बनाती हैं. आज हम कृषि जागरण के इस आर्टिकल में आपको ऐसी 5 सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे, जो किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं.
1. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN)
छोटे और सीमांत किसानों के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत सरकार हर साल किसानों को 6,000 रुपए की आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर करती है. यह राशि तीन किस्तों में 2,000 - 2,000 रुपए करके दी जाती है. इस स्कीम का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय में सुधार करना और उन्हें खेती की लागत से थोड़ी राहत देना है. इसकी खास बात यह है कि इस योजना में पंजीकरण की प्रक्रिया बेहद सरल है.
2. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY)
किसानों की सबसे बड़ी चिंता होती है – फसल खराब होना. कभी ओलावृष्टि, तो कभी सूखा या बाढ़ फसल को बर्बाद कर देती है. ऐसे में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए एक मजबूत कवच बनकर उभरी है. इस योजना के तहत किसान अपनी फसल का बीमा करवा सकते हैं और अगर फसल किसी प्राकृतिक आपदा, कीट या बीमारी के कारण खराब होती है, तो उन्हें मुआवजा दिया जाता है. इसका प्रीमियम बेहद कम है, जिससे हर किसान इसे आसानी से ले सकता है.
3. कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (AIF)
खेती में सुधार और भंडारण सुविधाएं बढ़ाने के लिए सरकार ने कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड शुरू किया है. इसके अंतर्गत किसान, कृषि उद्यमी, FPOs आदि को सस्ती ब्याज दर पर लोन मुहैया कराया जाता है. इससे वे गोदाम, कोल्ड स्टोरेज, पैकेजिंग यूनिट और कृषि उपकरण खरीद सकते हैं. इससे न सिर्फ कृषि उत्पादों का भंडारण सुधरता है, बल्कि उनकी कीमत भी बढ़ती है.
4. मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना (Soil Health Card Scheme)
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना किसानों को उनकी जमीन की मिट्टी की सेहत की जानकारी देती है. सरकार द्वारा जारी किए गए मृदा स्वास्थ्य कार्ड में बताया जाता है कि मिट्टी में कौन से पोषक तत्व कम हैं और किन उर्वरकों की जरूरत है. इससे किसान समझ सकते हैं कि कौन सी फसल उनके खेत के लिए बेहतर है और कौन सा खाद किस मात्रा में देना है. इससे न सिर्फ उत्पादन बढ़ता है, बल्कि लागत भी घटती है.
5. किसान क्रेडिट कार्ड (KCC)
किसानों की तत्काल जरूरतों को देखते हुए सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत की थी. इस स्कीम के तहत किसान को कम ब्याज दर पर लोन मिलता है, जिससे वह बीज, खाद, कीटनाशक, सिंचाई के उपकरण आदि खरीद सकता है. जरूरत पड़ने पर यह कार्ड आपातकालीन वित्तीय सहायता भी देता है. इसका लाभ उठाकर किसान बिना किसी परेशानी के खेती को आगे बढ़ा सकते हैं.
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