किसानों को अब फसलों की सिंचाई के लिए बिजली या फिर डीजल पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा. दरअसल अक्टूबर माह से किसानों को केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से कुसुम योजना के अंतर्गत हाईपॉवर सोलर वॉटर पंप मिलेगा. इसके सहायता से किसान अपने खेतों की सिंचाई कर आसानी से कर सकेंगे. इसके लिए सरकार की ओर से कवायद तेज कर दी गई है. गौरतलब है कि राज्य में किसानों को सिंचाई के लिए सोलर वॉटर पंप अब तक राज्य सरकार मुख्यमंत्री नवीन एवं नवीकरणीय सौर पंप योजना के अंतर्गत उपलब्ध करा रही थी. अब इसी के आदहर पर अक्टूबर माह से किसानों को केंद्र प्रायोजित किसान उर्जा एवं उत्थान महा अभियान (कुसुम) योजना से भी सोलर वॉटर पंप मिलने लगेगा. खबरों के मुताबिक केंद्र सरकार ने इसकी जिम्मेदारी इनर्जी एफिसिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) कंपनी को दी है. इसका उद्देश्य सिंचाई के लिए बिजली और डीजल पर निर्भरता को कम करना है. साथ ही इस योजना के अंतर्गत 2022 तक सभी सिंचाई पंपों को डीजल या बिजली के स्थान पर सौर उर्जा से चलाए जाने का लक्ष्य रखा गया है.
जिले में एजेंसी का होगा चयन
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, ईईएसएल के द्वारा जिले एजेंसी का चयन टेंडर के माध्यम से किया जाएगा. और एजेंसी के माध्यम से किसानों को सोलर वॉटर पंप उपलब्ध कराया जाएगा. कुसुम योजना के अंतर्गत सोलर पैनल लगाने के लिए किसानों को उपकरण की कीमत का 10 फीसद धनराशि ही देना पड़ेगा. बाकी धनराशि में 30 फीसद केंद्र सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाएगी. साथ ही 30 फीसद धनराशि राज्य सरकार की ओर से सब्सिडी के रूप में दिया जाएगा. बाकी 30 फीसद किसान बैंक से ऋण ले सकते हैं. बैंक से ऋण लेने में भी सरकार किसानों की सहायता करेगी.
इस योजना से वायुमंडल में प्रदूषित गैसों में आएगी कमी
क्या है कीमत: 2 एचपी (HP) के सोलर वॉटर पंप की लागत मूल्य तकरीबन 2 लाख 05 हजार 800 रूपए है. जिसकी सहायता से प्रतिदिन 1200 से 25 हजार 400 लीटर पानी निकल सकता है. वहीं 3 एचपी की लागत मूल्य 2 लाख 69 हजार 850 रूपए है. इससे प्रतिदिन 2500 से 60 हजार लीटर पानी निकल सकता है.
ये होंगे फायदे: इस योजना से वायुमंडल में प्रदूषित गैसों के साथ कार्बन डाइऑक्साइड में भी कमी आएगी. इससे डीजल और बिजली की बचत होगी. किसानों को दो तरह से फायदा हो सकता है. एक तो उन्हें सिंचाई के लिए मुफ्त में 24 घंटे बिजली मिलेगी. साथ ही यदि वे अतिरिक्त बिजली ग्रिड को बेचेंगे तो उनकी आय में बढ़ोत्तरी होगी.
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