
बिहार सरकार द्वारा बेरोजगार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और स्व-रोजगार का अवसर देने के लिए एक पहल की गई है. राज्य सरकार ने पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के तहत समेकित मुर्गी विकास योजना की शुरूआता की, जिसके अंतर्गत इच्छुक युवा लेयर और ब्रॉयलर मुर्गी फार्म खोल सकते हैं. सरकार इस योजना में आर्थिक मदद यानी अनुदान भी दे रही है, जिसमें वर्ग वर्गों के उम्मीदवारों को अलग-अलग अनुदान का प्रवधान तय है.
यह योजना पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर लागू होगी, और इसके लिए 25 जून तक ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य है. आइए इस स्कीम से जुड़ी हर एक डिटेल यहां जानते हैं...
मुर्गी पालन के लिए 50% तक मिलेगा अनुदान
10 हजार मुर्गियों की क्षमता वाले लेयर फार्म की कुल लागत एक करोड़ रुपये निर्धारित है, जबकि 5 हजार मुर्गियों के लिए 48.50 लाख रुपये और 3 हजार ब्रॉयलर मुर्गी फार्म/Broiler Chicken Farm के लिए 10 लाख रुपये का खर्चा रखा गया है. सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को 30 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा, जबकि अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग को लेयर फार्म पर 40 प्रतिशत और ब्रॉयलर फार्म पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा. यानी कि सामान्य वर्ग को 30% और अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग को 40% से 50% तक सब्सिडी का लाभ किसानों को मिलेगा.
योजना के लिए जरूरी कागजात
आवेदन के साथ फोटो, आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण, पैन कार्ड, भूमि संबंधित दस्तावेज, पोल्ट्री फार्मिंग प्रशिक्षण प्रमाण पत्र और खाते में उपलब्ध राशि की फोटो कॉपी भी अपलोड करनी होगी.
आवेदन की प्रक्रिया और शर्तें
इस योजना में आवेदन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर स्वीकार किए जाएंगे. लाभार्थी बैंक ऋण या अपनी पूंजी से फार्म खोल सकते हैं. अनुदान मिलने के बाद कम से कम सात वर्षों तक फार्म संचालित करना अनिवार्य होगा. 10 हजार क्षमता वाले फार्म के लिए कम से कम 100 डिसमिल और 5 हजार क्षमता वाले फार्म के लिए 50 डिसमिल जमीन आवश्यक होगी, जो निजी या लीज की हो सकती है.
अगर आप भी इस योजना में आवेदन करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको सबसे पहले बिहार पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा.
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