सरकार ने महिलाओं को राहत देने के लिए कई योजनाएं चलाई है ऐसी ही एक योजना थी जो 2010 में इंदिरा गांधी मातृ सहयोग योजना के रूप में शुरू हुई थी. फिर वर्ष 2014 में BJP सरकार ने इसका नाम बदलकर मातृ सहज योजना रख दिया और फिर 1 जनवरी, 2017 में इसे पीएम मातृ वंदना योजना के नाम से पूरे भारत में लागू किया गया.
क्यों शुरू की गई ये योजना
हमारे देश में हर साल गर्भावस्था के समय होने वाली परेशानियों व बीमारियों की वजह से लगभग 56 हजार महिलाओं की मौत हो जाती है. इसी समस्या को देखते हुए सरकार ने इसमें सुधार लाने के लिए इस योजना की शुरुआत की. इस योजना के तहत प्रेग्नेंट महिला (Pregnant Women) की डिलीवरी होने पर सरकार सीधे उनके बैंक अकाउंट में 6 हजार रुपए देती है.
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क्या है इस योजना का मुख्य उद्देश्य
इस योजना को देश के कई प्रदेशों में भी लागू किया गया है. इस योजना में सहायता की ये राशि जच्चा-बच्चा (माँ और बच्चा) को पर्याप्त पोषण उपलब्ध कराने के हिसाब से प्रदान की जाती है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करना है ताकि वह खुद के साथ-साथ अपने नवजात बच्चे की भी देखरेख कर सकें. मौजूदा वक्त में जननी सुरक्षा योजना (Jannani Suraksha Yojana) से हर साल 1 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को आर्थिक सहायता मिल रही है. सरकार सालाना JSY इस पर 1600 करोड़ रुपए खर्च कर रही है.
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
एक लाभार्थी योजना के लिए अपने अंतिम मासिक धर्म (LMP) की तारीख से 730 दिनों के भीतर आवेदन कर सकती है. MCP कार्ड में रजिस्टर्ड LMP को योजना के तहत गर्भावस्था की तारीख के रूप में माना जाएगा. PMMVY के तहत ऑनलाइन आवेदन के लिए https://pmmvy-cas.nic.in पर जाएं और आवेदन करें
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