मोदी सरकार देश के छोटे कर्जदारों की कर्जमाफी करके बड़ी राहत दे सकती है. दरअसल इंसोल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के अंतर्गत केंद्र सरकार देश के छोटे कर्जदारों की कर्जमाफी कर सकती है. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक यह सब आईबीसी के फ्रेश स्टार्ट प्रावधानों के अंतर्गत किया जा सकता है. इसको लेकर योजना तैयार हो रही है. हाल ही में कॉरपोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग यानी ईडब्ल्यूएस से आने वाले छोटे कर्जदारों की कर्जमाफी के लिए कैटेगरी तय करने को लेकर सरकार माइक्रोफाइनेंस इंडस्ट्री से बात कर रही है.
इंजेती श्रीनिवास ने बताया कि ईडब्ल्यूएस में सबसे ज्यादा कर्ज तले दबे कर्जदारों को ही इसका फायदा मिलेगा. हालांकि अगर किसी ने इस फ्रेश स्टार्ट का फायदा उठा लिया तो अगले पांच सालों तक इसका लाभ नहीं उठा पाएगा. उन्होंने आगे बताया कि देशभर में चार-पांच सालों में यह कर्जमाफी 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की नहीं होगी.
योजना का लाभ किसे मिलेगा ? (Will you get benefit of the scheme?)
गौरतलब है कि आईबीसी के फ्रेश स्टार्ट के तहत कई तरह के प्रावधान हैं-
कर्जदारों की वार्षिक आय 60,000 रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
लाभार्थी के संपत्तियों का कुल मूल्य 20,000 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
लाभार्थी पर लोन का कुल मूल्य 35,000 से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
लाभार्थी के पास अपना खुद का घर भी नहीं होना चाहिए.
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