अगर किसान सही समय और उचित मूल्य पर अपने उत्पाद की बिक्री करें, तो उनकी आमदनी में इजाफ़ा हो सकता है. वैसे किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए देश और प्रदेश में मंडियों की व्यवस्था की गई है. इन मंडियों की सहायता से किसान अपनी फसल के उत्पादन को बाजार तक पहुंचाते हैं. इनकी सहायता से ही किसान अपने उत्पाद को राष्ट्रीय स्तर तक बेच पाते हैं. किसानों को फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने तमाम सरकारी यजनाएं चलाई हैं. इसी कड़ी में दिल्ली में राउंड टेबल कांफ्रेंस का आयोजन हुआ, जिसमें कई राज्य की सरकारों ने हिस्सा लिया है. इसी दैरान मध्यप्रदेश की सरकार ने फैसला किया है कि वह अपने राज्य के किसानों के लिए पेरिशेबल कमोडीटी हब औऱ प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना करेगी.
क्या है पेरिशेबल कमोडिटी हब
मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ का फैसला है कि इंदौर और भोपाल में मुख्य रूप से फल और सब्जियों के निर्यात को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए वहां पेरिशेबल कमोडीटी हब की स्थापना की जाएगी. इससे किसानों की आमदनी को दोगुना किया जा सकता है. इसके लिए एक नीति बनाई जा रही है, जो फसलों के अलावा कई अन्य क्षेत्रों में भी निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगी. ऐसे में यही एक मात्र तरीका है, जिसके द्वारा हम अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया जा सकता है.
किसानों के लिए लगेंगी प्रोसेसिंग यूनिट
राज्य किसानों के लिए प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की जाएगी, जो खास तौर पर सब्जी और फलों के लिए बनाई जाएंगी. इसकी मदद से किसानों को फसलों के उचित मूल्य मिल सकेंगे. इन प्रोसेसिंग यूनिट में देश और विदेश की कई बड़ी कंपनियां हिस्सा ले रही हैं. बताया जा रहा है कि राज्य में अडानी विल्मर अपने फॉर्च्यून आटे के व्यापार को लेकर बड़ा निवेश करने वाली है. इसके अलावा विदिशा में सोयाबड़ी और बासमती चावल प्रसंस्करण की इकाई पेप्सिको स्थापित करने वाली है.
कंपनियां बढ़ाएंगी किसानों की आमदनी
इसका लक्ष्य है कि यह मध्यप्रदेश से हर साल लगभग 110 करोड़ रुपये मूल्य के आलू की खरीदी करेगी, जो भविष्य में किसानों की आमदनी को दोगुना करेगी. इतना ही नहीं, पेप्सिको आलू से जुड़े कई उत्पादों की इकाई को स्थापित करेगी. इसके अलावा कोका कोला कंपनी ने संतरा और आम का ताजा रस बनाने की निर्माण इकाई स्थापित करने का वादा किया है.
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