इमारती लकड़ी की बढ़ती जरूरत को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार किसानों को राष्ट्रीय विकास योजना के अंतर्गत एग्रोफारेस्ट्री प्लांटेशन के लिए अनुदान दे रही है. दरअसल, इमारती लकड़ी की बढ़ती मांग के साथ ही फल, पशुचारे, खाद्यान्न और ईंधन की पूर्ति करने के लिए यह योजना चलाई जा रही है. तो आइए जानते हैं इस योजना के अंतर्गत 50 प्रतिशत अनुदान कैसे लें.
योजना का उद्देश्य
इस योजना उद्देश्य प्रदेश में वृक्षारोपण के जरिए खेती को लाभ का धंधा बनाना है. वहीं इससे भूजल को संरक्षित करने में भी मदद मिलती है. इस योजना का लाभ लेकर किसान अपने खेतों, मेढ़ों और अंर्तवर्तीय वृक्षारोपण कर सकते हैं.
कितना अनुदान मिलता है
खेतों या मेढ़ों पर एक पौधा लगाने में तकरीबन 70 रूपए का खर्च आता है, जिसमें पौधे की खरीदी, गड्ढें की खुदाई, सिंचाई, परिवहन, दवाई एवं देखरेख के खर्च शामिल है. इसमें 50 फीसद खर्च किसान को उठाना पड़ता और शेष 50 फीसद अनुदान राज्य सरकार देती है. इस योजना के अंतर्गत एक किसान को अधिकतम 50 हजार रूपए का अनुदान मिलता है.
अनुदान की पात्रता
इस योजना में प्रत्येक किसान को 0.2 हेक्टेयर से 5 हेक्टेयर में वृक्षारोपण के लिए अनुदान दिया जाता है. वहीं एक किसान 100 से लेकर 1500 पौधों का रोपण कर सकता है. इसमें अधिकतम अनुदान राशि की बात करें तो वह 50 हजार तक होती है. 80 फीसदी जीवित होने की स्थिति में 90 दिनों के अंतराल में अनुदान राशि किसान को दी जाती है.
कैसे आवेदन करें ?
इस योजना का लाभ मध्य प्रदेश के सभी जिलों के किसान उठा सकते हैं. इसके लिए जिले के वानिकी विभाग से संपर्क करना होगा. वहीं किसान पौधे वन विभाग या प्राइवेट नर्सरी से खरीद सकता है.
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