जब किसान कड़ी मेहतन कर फसलों को उगाता है और उनकी फसलें खराब मौसम और प्राकृतिक आपदा की वजह से बर्बाद हो जाती है, तो ऐसे में किसानों की आर्थिक स्थिति पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है.
मगर किसानों की इस समस्या का समाधान करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार कई ऐसी योजनाएं चला रही हैं, जो किसानों की बर्बाद हुई फसलों की भरपाई कर सकें. इसी कड़ी में हरियाणा सरकार द्वारा एक योजना शुरू की गई है. इस योजना के तहत बागवानी किसानों को खराब मौसम और प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसलों में हुए नुकसान की भरपाई की जाती है.
इस योजना का नाम मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना (Mukhyamantri Bagwani Bima Yojana) है. यह योजना कुल 21 सब्जियों, फलों और मसाला फसलों को कवर करती है. इसके साथ ही प्राकृतिक आपदाओं के जोखिम से किसानों को बचाने का काम करती है.
मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना का उद्देश्य (Purpose of Chief Minister Horticulture Insurance Scheme)
इस योजना को बागवानी फसल आश्वासन योजना के रूप में तैयार किया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि किसानों (Farmers) को ज्यादा जोखिम वाली बागवानी फसलों (Horticultural Crops) की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाए. इसके साथ ही जब विभिन्न कारकों के कारण भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ता है, तब उसकी भरपाई की जाए.
योजना में बीमा कवर (Insurance cover in the plan)
इस योजना के तहत सब्जी एवं मसाला फसलों में नुकसान होने पर 30 हजार रुपए, तो वहीं फल वाली फसलों पर 40 हजार रुपए बीमा राशि मिलेगी. इसके साथ ही सब्जी एवं मसाला फसलों के लिए 2.5 प्रतिशत यानि 750 रुपए अदा करने होंगे. वहीं फल वाली फसलों के लिए 1 हजार रुपए ही अदा करने होंगे. इसके अलावा मुआवजे के लिए सर्वेक्षण और नुकसान की 4 श्रेणियों 25, 50, 75 और 100 प्रतिशत होंगी.
वैकल्पिक है योजना (Plan is optional)
किसानों के लिए बता दें कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा (Meri Fasal Mera Byora Portal) पोर्टल पर अपनी फसल और क्षेत्र का पंजीकरण करते समय इस योजना का विकल्प चुनना होगा.
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यह योजना व्यक्तिगत क्षेत्र पर लागू की जाएगी. इसके साथ ही फसल हानि का आकलन व्यक्तिगत क्षेत्र स्तर पर होगा. इस योजना के लिए बजट का भी प्रावधान किया जाएगा.
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