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रंग-बिरंगी शिमला मिर्च की खेती से किसान कमा रहे मोटा मुनाफा, राज्य सरकार दे रही 50% सब्सिडी

Profitable vegetable farming: रंगीन शिमला मिर्च की खेती पर हरियाणा सरकार किसानों को 50 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ दे रही है. जानें पॉली हाउस तकनीक और मंडियों में इसकी कीमत का पूरा जानकारी.

मोहित नागर
मोहित नागर
रंग-बिरंगी शिमला मिर्च की खेती पर राज्य सरकार दे रही 50% सब्सिडी (AI Generated Picture)

Colorful Capsicum Cultivation: आजकल भारतीय किसान पारंपरिक खेती की बजाय बागवानी फसलों की ओर रुख कर रहे हैं, जिसमें शिमला मिर्च की खेती एक आकर्षक और लाभकारी विकल्प बनकर सामने आई है. खासकर रंग-बिरंगी शिमला मिर्च की डिमांड तेजी से बढ़ रही है और इसकी खेती में लागत भी कम आती है. यह खेती किसानों को अच्छा मुनाफा दे सकती है, खासकर अगर वे इसे सही तरीके से करें. करनाल के उद्यान विभाग द्वारा इंडो-इजरायल परियोजना के तहत स्थापित सब्जी उत्कृष्ट केंद्र में किसान इस खेती से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

कैसे उगाई जाती है रंगीन शिमला मिर्च?

रंग-बिरंगी शिमला मिर्च केवल पॉली हाउस में उगाई जा सकती है और यही वह जगह है जहां से सबसे अच्छी पैदावार मिलती है. इसके अलावा, इस खेती के लिए किसानों को पौध पर 50 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ भी मिलता है. सब्सिडी का यह लाभ किसानों को पौध खरीदते समय मिल सकता है, जिससे उनका खर्च कम हो जाता है और वे आसानी से इस खेती को अपना सकते हैं.

शादी के सीजन में अधिक मुनाफा

रंग-बिरंगी शिमला मिर्च का सबसे ज्यादा इस्तेमाल सलाद में किया जाता है और शादियों के मौसम में इसकी डिमांड बहुत बढ़ जाती है. दिल्ली में खासकर इस फसल का अच्छा बाजार मिलता है, जहां किसान इसे अच्छे रेट पर बेच सकते हैं. शादियों के सीजन में शिमला मिर्च के दाम सबसे ज्यादा बढ़ते हैं और किसान इसे उचित समय पर तोड़कर अच्छे दाम पर बेच सकते हैं.

पौध खरीदने पर 50 प्रतिशत सब्सिडी

यदि किसान रंग-बिरंगी शिमला मिर्च की खेती करना चाहते हैं, तो ऐसे में हरियाणा सरकार की ओर से उद्यान विभाग द्वारा स्थापित किए गए केंद्रों से 50 प्रतिशत सब्सिडी पर पौध खरीदी जा सकती है. रंग-बिरंगी शिमला मिर्च के पांच प्रमुख रंग होते हैं - लाल, पीला, बैंगनी, नारंगी, और हरा. हालांकि, बाजार में सबसे ज्यादा डिमांड लाल और पीली शिमला मिर्च की ही रहती है.

कैसे करें रंग-बिरंगी शिमला मिर्च की खेती?

रंग-बिरंगी शिमला मिर्च की खेती पॉली हाउस और नेट हाउस में की जाती है. सबसे पहले इसके बीज से पौध तैयार किए जाते हैं, जो अगस्त के महीने में पॉली हाउस में ट्रांसप्लांट कर दिए जाते हैं. एक एकड़ में लगभग 10,000 पौधे लगाए जा सकते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि एक एकड़ के नेट हाउस में 50 प्रतिशत लाल और 50 प्रतिशत पीली शिमला मिर्च की पौध लगानी चाहिए. जब किसान इस फसल को जोड़े में बेचते हैं, तो इसकी कीमत 20 से 30 रुपये ज्यादा मिलती है.

कम लागत में ज्यादा मुनाफा

रंग-बिरंगी शिमला मिर्च की खेती में बीमारी की समस्या बेहद कम होती है, हालांकि कीटों की समस्या आ सकती है, जिसे आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है. एक पौधे से 1.5 से 3 किलो तक शिमला मिर्च की तुड़ाई की जा सकती है. बाजार में रंग-बिरंगी शिमला मिर्च की कीमत हरी शिमला मिर्च के मुकाबले काफी ज्यादा रहती है. लोकल मार्केट में इनका एवरेज रेट 100 से 120 रुपये प्रति किलो होता है, जबकि बड़े बाजारों में ये 250 से 300 रुपये प्रति किलो तक बिकती हैं.

English Summary: haryana govt colorful capsicum cultivation farmers gets 50 percent subsidy Published on: 02 May 2025, 05:09 IST

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