मौजूदा समय में कई लोगों को बागवानी करना पसंद है, इसलिए केंद्र और राज्य सरकार बागवानी क्षेत्र के विकास के लिए योजनाएं ला रही है. वैसे हाल के वर्षों में बागवानी का महत्व अधिक बढ़ा है, क्योंकि इस क्षेत्र को बेहद लाभकारी माना जा रहा है.
यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिससे रोजगार के अवसरों में वृद्धि होती है. इसी क्रम में हरियाणा सरकार बागवानी को बढ़ावा देने के लिए किसानों को सब्सिडी प्रदान करती है.
बाग लगाने के लिए मिलती है सब्सिडी (Subsidy is available for planting orchards)
हरियाणा सरकार द्वारा किसानों को नए बाग लगाने पर सब्सिडी प्रदान की जाती है. ऐसा माना जा रहा है कि किसान परंपरागत खेती को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है.
बागवानी के ओर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है. बता दें कि आने वाले दिनों में बागवानी विभाग व जिला प्रशासन किसानों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाएगा.
ये मिलती है सब्सिडी (Get this subsidy)
अगर आप अमरूद, आंवला व अनार के नए बाग लगाते हैं, तो आपको हरियाणा सरकार की तरफ से प्रति हेक्टेयर पर 50 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान की जाएगी. बता दें कि इस सब्सिडी योजना के तहत एक किसान 10 एकड़ तक बाग लगा सकता है.
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अमरूद का बाग लगाने पर 11 हजार 502 रुपए की सब्सिडी
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अनार का बाग लगाने पर 15 हजार 900 रुपए की सब्सिडी
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आंवला का बाग लगाने पर 15 हजार रुपए की सब्सिडी
सब्सिडी के लिए आवेदन प्रक्रिया (Application process for subsidy)
इस सब्सिडी योजना का लाभ लेने के इच्छुक किसान जिला बागवानी कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं. बता दें कि वित्तिय वर्ष 2021 में जो किसान एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत बाग लगा चुके हैं, वह भी सब्सिडी के लिए आवेदन कर सकते हैं.
ध्यान रहे कि किसानों को नेशनल हार्टिकल्चर बोर्ड द्वारा सत्यापित नर्सरी के बिल की रिपोर्ट भी लेकर जाना होगा.
हरियाणा सरकार चाहती है कि किसान परंपरागत खेती छोड़ बागवानी की तरफ रूख करें, इसलिए राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी प्रदान की जा रही है. इसके साथ ही किसानों को खंड स्तर पर कैंप आयोजित कर जानकारी भी दी जाएगी.
जानकारी के लिए बता दें कि हरियाणा सरकार हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इसके लिए तमाम योजनाएं भी संचालित कर रही है, ताकि किसानों की आय में इजाफा हो सके. इसके साथ ही बागवानी क्षेत्र में विकास के लिए लगातार किसानों को बागवानी करने के लिए जागरूक कर रही है.
(खेती से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए कृषि जागरण की हिंदी वेबसाइट पर जरूर विजिट करें.)
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