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Government Schemes in Agriculture: किसानों की आय दोगुनी करने के लिए

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों ने आंदोलन शुरू कर रखा है. यह आन्दोलन सरकार द्वारा पारित किए गए तीनों कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए किया जा रहा है. किसानों की कृषि कानूनों में MSP, मंडी और कोंटेक्ट फ़ार्मिंग के मुद्दे पर कुछ दिक्कतें हैं जो कुछ हद तक वाजिब भी है. केंद्र सरकार पर लगातार किसानों की अनदेखी करने का आरोप लग रहा है. मगर केन्द्र सरकार द्वारा चलाये गये कई योजनाएँ ऐसी हैं, जिसका किसान फायदा उठा कर अपना लाभ डबल कर सकता है. ये योजनाएँ प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प को सिद्धि तक ले जाने के लिए बनाई गई हैं ताकि 2022 तक किसान की आय दोगुनी (Doubling Farmers' Income) की जा सके. तो आइये जानते हैं किसानों के लिए लांच की गई कुछ कृषि योजनाओं के बारे में...

हेमन्त वर्मा
हेमन्त वर्मा
PMKSY
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कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों ने आंदोलन शुरू कर रखा है. यह आन्दोलन सरकार द्वारा पारित किए गए तीनों कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए किया जा रहा है. किसानों की कृषि कानूनों में MSP, मंडी और कोंटेक्ट फ़ार्मिंग के मुद्दे पर कुछ दिक्कतें हैं जो कुछ हद तक वाजिब भी है. केंद्र सरकार पर लगातार किसानों की अनदेखी करने का आरोप लग रहा है. मगर केन्द्र सरकार द्वारा चलाये गये कई योजनाएँ ऐसी हैं, जिसका किसान फायदा उठा कर अपना लाभ डबल कर सकता है. ये योजनाएँ प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प को सिद्धि तक ले जाने के लिए बनाई गई हैं ताकि 2022 तक किसान की आय दोगुनी (Doubling Farmers' Income) की जा सके. तो आइये जानते हैं किसानों के लिए लांच की गई कुछ कृषि योजनाओं के बारे में...

1. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana)

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) का मूल उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले आर्थिक नुकसान से बचाना है. ये प्राकृतिक आपदा सूखा, बाढ़, भूस्खलन, कीट व्याधि, ओलावृष्टि, प्राकृतिक आग और खड़ी फसल में ओलावृष्टि आदि है. इन प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए किसान अपनी फसलों का बीमा (Crop insurance) करवा सकते हैं. यह योजना फसल बुआई से लेकर फसल कटाई के बाद तक की सभी गतिविधियों के दौरान फसल के प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान होने पर सुरक्षा की गारंटी प्रदान करती है. यह योजना क्षेत्र-आधारित नुकसान के अलावा खेत-आधारित नुकसान होने पर भी मुवावजा देने के लिए बनाई गई है. यदि अधिसूचित क्षेत्र पर खड़ी फसलें प्राकृतिक आग, बिजली, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात, बवंडर, हरिकेन, टौरनेडो, बाढ़, आप्लवन, जल भराव, भूस्खलन, सुखा, कीट हमले, बीमारी आदि अनिवारणीय कारणों से नष्ट होती है तो उपज नुकसान के विरुद्ध उस पूरे क्षेत्र के बीमित किसान बीमा दावे के हकदार होते हैं.

इस बीमा योजना के तहत रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत तथा उद्यानिक फसलों के लिए 5 प्रतिशत प्रीमियम राशि निर्धारित की गई है जो किसान को बीमा कंपनी को देनी पड़ेगी शेष प्रीमियम का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं में फसल हानि के लिए किसानों को पूर्ण बीमित राशि प्रदान की जाए. जिन किसान ने ऋण नहीं लिया है वे किसान बैंक, सहकारी समिति एवं लोक सेवा केन्द्र में बीमा आवेदन पत्र, आधारकार्ड, बैंक पासबुक (डायरी), भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र या  अथवा किरायदार अथवा साझेदार किसान का दस्तावेज, बुवाई प्रमाण पत्र एवं घोषणा पत्र देकर बीमा करा सकते है.

PMFBY का कैसे लाभ ले (How to take advantage of PMFBY): किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में रजिस्ट्रेशन या नामांकन करवाने के लिए नजदीकी बैंक, प्राथमिक कृषि ऋण सोसायटी, कृषि विभाग के कार्यालय, बीमा कंपनी के प्रतिनिधि से संपर्क कर सकता है. या प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की वेबसाइट www.pmfby.gov.in  पर क्लिक करके या प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की मोबाइल ऐप       (https://play.google.com/store/apps/details?id=in.farmguide.farmerapp.central)  के द्वारा भी अधिक जानकारी और बीमा का आवेदन किया जा सकता है.

2. प्रधानमंत्री किसान निधि योजना (PM-Kisan Samman Nidhi)

इस योजना की शुरुआत साल 2018 में केन्द्र सरकार द्वारा की गई. इस योजना के अन्दर 6000 रुपए न्यूनतम आय समर्थन के रूप में किसानों को प्रति वर्ष दिये जा रहे हैं. इससे देश के करीब 12 करोड़ छोटे और सीमांत किसानों को यह राशि मिल पा रही है. हाल में ही सरकार ने किसान सम्मान निधि स्कीम की सातवीं किस्त देने की तैयारी कर ली है. जो एक दिसंबर से किसानों के खातों में आना शुरू होगी. पिछले 23 महीनों में मोदी सरकार ने करीब 11.17 करोड़ किसानों को 95 करोड़ रुपये से भी अधिक राशि डाइरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर के जरिये किसानों के बैंक खातों में दिये हैं. इस योजना में हर साल किसान को 6000 रुपये दो हजार की तीन किस्तों में दिए जाते हैं. पहले इसका लाभ उन किसानों को मिलता था, जिसके पास 2 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि होती थी, लेकिन अब इस बाध्यता को खत्म कर दिया है.

प्रधानमंत्री किसान निधि योजना का लाभ ऐसे ले (Take advantage of Pradhan Mantri Kisan Nidhi Yojana):

आवेदन का स्टेटस वेबसाइट द्वारा जाना जा सकता है. इसके लिए वेबसाइट https://pmkisan.gov.in/ पर क्लिक करना होगा. इसके बाद होम पेज पर मेन्यू बार पर जाएं. यहां ‘फार्मर कार्नर’ का विकल्प दिखाई देगा. यहां Beneficiary Status पर क्लिक करें. अब इस पेज पर अपने आवेदन का स्टेटस जानने के लिए 3 विकल्प दिखाई देंगे, जो कि आधार नंबर, अकाउंट नंबर और मोबाइल नंबर होंगे. इनमें से आपको एक पर क्लिक करना है. इसके बाद उसमें नंबर डालकर Get Data पर क्लिक कर दें. इस तरह आपके आवेदन का स्टेटस देख सकते हैं. लाभार्थियों की सूची देखने के लिए आप पीएम किसान सम्मान निधि योजना की आधिकारिक वेबसाइट     https://pmkisan.gov.in/ पर Beneficiary list देख सकते हैं.

3. नीम कोटेड यूरिया (Neem Coated Urea)

देश के किसानों को यूरिया के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था. यूरिया की तस्करी और कालाबाजारी को रोकने के लिए केन्द्र सरकार ने 2015 में यूरिया को 100 फीसदी नीम कोटेड करने का फैसला लिया. साल 2015 में सरकार ने देश में यूरिया के संपूर्ण उत्पादन को नीम लेपित करना अनिवार्य कर दिया, जिससे नीम कोटिंग यूरिया से औद्योगिक इस्तेमाल और कालाबाजारी पर रोक लगा गई.

4. प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (Prime Minister Kisan Maandhan Yojana)

सितंबर 2019 में केन्द्र ने भारत के छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक पेंशन योजना शुरू की. इस पेंशन योजना के तहत लगभग 5 करोड़ सीमांत किसानों को 60 वर्ष की आयु के बाद न्यूनतम तीन हजार रुपये प्रति माह की पेंशन मिलेगी. इसमें 18 से 40 वर्ष  की आयु सीमा वाले आवेदन करने के पात्र है. इस योजना में किसानों को 60 वर्ष की आयु तक पेंशन फंड में 55 से 200 रुपये का मासिक योगदान देना जरूरी है. अबतक इस स्कीम से करीब 20 लाख किसान जुड़ चुके हैं.

पीएम किसान मानधन का कैसे लाभ ले (How to take advantage of PM Kisan Maandhan):

पीएम किसान मानधन योजना के तहत खाता खुलवाने के साथ ही खुद-ब-खुद पीएम किसान मानधन योजना (PM Kissan Mandhan Yojana) में भी रजिस्ट्रेशन हो जाता है. इस योजना के तहत साल में 2 हजार रुपए की 3 किस्त में आर्थिक मदद दी जाती है. इसके साथ ही पेंशन के रूप में हर महीने 3 हजार रुपए दिए जाते हैं. इस तरह साल में पेंशन के रूप में कम से कम 36 हजार रुपए का लाभ होता है. आप पीएम किसान योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://pmkmy.gov.in/ पर इसकी अधिक जानकारी ले सकते हैं.

5. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (Pradhan Manti Krishi Sinchayee Yojana)

एक जुलाई 2015 को इस योजना की शरुआत हुई थी. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का लक्ष्य सिंचित क्षेत्र का दायरा बढ़ाकर हर खेत को पानी पहुंचाना और जल के इस्तेमाल की कुशलता में वृद्धि करते हुए प्रति बूंद ज्यादा फसल हासिल करना है. इस लक्ष्य को स्त्रोत निर्माण, वितरण, प्रबंधन, कार्यान्वयन और विस्तार गतिविधियों पर समग्रता के साथ किया जा रहा है. इस योजना को कृषि, जल संसाधन और ग्रामीण विकास मंत्रालय मिलकर लागू कर रहे है. इस योजना के अंतर्गत सरकार उन उपकरणों और योजनाओं पर सब्सिडी दे रही है, जिससे पानी की बचत हो सके. इसके लिए सरकार किसानों को ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली के लिए सब्सिडी दे रही है. अधिक जानकारी के लिए अधिकृत वेबसाइट https://pmksy.gov.in/ पर क्लिक किया जा सकता है.  

6. राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM)

प्रधानमंत्री द्वारा 14 अप्रैल 2016 की राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना का शुभारंभ किया. राष्ट्रीय कृषि बाजार एक राष्‍ट्रीय स्‍तर का इलेक्‍ट्रॉनिक पोर्टल आधारित बाजार है, जिसे भारत सरकार के कृषि मंत्रालय ने बनाया है. इससे किसानों को अपनी उपज बेचने का एक पारदर्शी प्लेटफार्म मिलता है. यह योजना किसानों के इलेक्ट्रॉनिक व्यापार के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल प्रदान करती है. यह पूरी तरह पारदर्शी है और इसमें किसानों को उनकी उपज का ज्यादा से ज्यादा प्रतिस्पर्धी मूल्य दिलाने की व्यवस्था है. अभी तक किसान अपनी उपज को पारंपरिक तौर पर या तो सरकारी खरीद केन्द्रों पर बेचते रहे हैं या फिर खुले बाजार में आढ़तियों की मनमानी का शिकार होते आ रहे हैं. किसान एक राज्य से दूसरे राज्य में फसल को बेच पाने में असमर्थ हैं क्योंकि राज्यों के मंडी कानून इसकी अनुमति नहीं देते. मजबूरन किसान को अपनी फसल ओने-पौने दाम पर अपने राज्य में ही बेचनी पड़ती है. इस स्थिति से निपटने के लिए राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) की स्थापना को अपनी सात सूत्री कार्ययोजना में स्थान दिया है. ई-नाम के तहत देश के सभी कृषि मंडियों को एक दूसरे से जोड़ दिया गया है, जहां किसान अपनी उपज बेच सकता है. किसानों के लिए सर्वोत्तम मूल्य सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 18 राज्यों में 1000 मंडिया सीधे ई-नाम प्लेटफॉर्म से जुड़ चुकी है. फिलहाल ई-नाम में रजिस्टर्ड लगभग 1.68 करोड़ किसान, 1.28 लाख व्यापारी और 942 एफपीओ (Farmer Producer Organization) घर बैठे अपना सामान बेच सकते हैं. योजना के तहत एकीकृत विनियमित बाजारों में आवश्यक बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए बजट में सहायता राशि को बढ़ा दिया गया है.

योजना का लाभ कैसे ले: ई-नाम से जुड़ने के लिए वेबसाइट https://www.enam.gov.in/web/ पर क्लिक कर  रजिस्ट्रेशन कर सकता है. किसान को रजिस्ट्रेशन के लिए एक ऑप्शन दिखाई देगा. जिसका सेलेक्सन करके किसान की ई-मेल आईडी देनी होगी. इसी ई-मेल के जरिए लोगिन आईडी ओर पासवर्ड का मेल आ जायेगा. फिर आप ई-नाम की वेबसाइट https://www.enam.gov.in/web/ पर लॉगिन करके अपने KYC डॉक्युमेंट से रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है. इसके बाद कृषि उपज मंडी समिति (APMC) आपके KYC को अप्रूव करेगा. और अब आप अपना कारोबार शुरू कर पाएंगे. https://enam.gov.in/web/resources/registration-guideline पर रजिस्ट्रेशन से जुड़ी अधिक जानकारी ले सकते हैं.

English Summary: Government Schemes in Agriculture: Farmer schemes operated to double farmer's income Published on: 05 December 2020, 07:59 IST

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