कोरोना महामारी की वजह से हुए लॉकडाउन की समस्या से जूझ रहे किसानों को इस मुश्किल घड़ी में राज्य सरकार आर्थिक राहत देगी. दरअसल झारखंड राज्य सरकार अपने किसानों को सहयोग राशि के रूप में 10 हजार रुपए की आर्थिक मदद करेगी. इससे झारखंड राज्य के लगभग 35 लाख किसानों को फायदा होगा. इसके अलावा सरकार छोटे दूध उत्पादकों से भी दूध खरीदेगी. जिससे दूध उत्पादकों को भी लाभ मिलेगा. इस आर्थिक मदद के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से 3 900 करोड़ का विशेष राहत पैकेज मांगा है. जिसके लिए झारखंड सरकार ने केंद्र को प्रस्ताव भी भेज दिया है.
इस पर कृषि मंत्री बादल का कहना हैं कि लॉकडाउन होने की वजह से सबसे ज्यादा प्रभाव किसानों पर पड़ा है. इस नुकसान को पूरा करने के लिए केवल योजनाओं से काम नहीं चलेगा. इसके लिए विशेष पैकेज के तहत किसानों को आर्थिक रूप से मदद देनी होगी.उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार किसानों की मदद के लिए हर संभव कोशिश कर रही है. इस कोशिश को पूरा करने के लिए उन्हें केंद्र सरकार से भी सहायता की पूरी उम्मीद है.
राज्य सरकार का यह भी कहना है वे किसानों की आर्थिक मदद करने के लिए सभी पीड़ित किसानों की सूची बनाने की तैयारी में लगे है. क्योंकि झारखंड एक पिछड़ा राज्य है और कोरोना महामारी के बाद किसानों के लिए विशेष पैकेज की जरूरत है. लॉकडाउन की अवधि में ओलावृष्टि ने खेतों को बहुत नुकसान पहुंचाया है. जिससे ज्यादातर किसान कंगाली के दौर से गुजर रहे है. अप्रैल माह में लगभग 6 गुना बेरोजगारी में बढ़ोतरी देखने को मिली है और हर किचन के लिए 30 हजार रुपए की सब्जी खरीदी जाएगी. इसके अलावा राज्य में इस वक्त 35 हजार लीटर दूध की बिक्री की जा रही है. जबकि बाकि दिनों कुल 1.30 लाख लीटर दूध की खपत थी. इस लॉकडाउन की वजह से हो रहे नुकसान को देखते हुए दूध उत्पादकों से झारखंड मिल्क फेडरेशन अब दूध की पूरी खरीदारी करेगी.
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