खरीफ सीजन में पंजाब व हरियाणा के किसान धान की खेती को काफी प्रमुखता देते हैं, लेकिन धान की खेती में पानी की अधिक खपत होती है. ऐसे में हरियाणा सरकार (Haryana Government) गिरते भू-जलस्तर को रोकने का पूरा प्रयास कर रही है.
इसके साथ ही किसानों को कम पानी से पकने वाली फसलों के प्रति प्रोत्साहित कर रही है. इसके लिए कृषि विभाग द्वारा मेरा पानी मेरी विरासत योजना (Mera Pani Meri Virasat Scheme) भी शुरू की गई है. इसी कड़ी में हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने बताया है कि इच्छुक किसान इस योजना का लाभ उठाने के लिए 25 जून तक रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. बता दें कि इस योजना के तहत 7 हजार रुपए प्रति एकड़ अनुदान देने का प्रावधान किया है.
क्या है मेरा पानी मेरी विरासत योजना (What is Mera Pani Meri Virasat Scheme)
अगर किसान धान के खेतों में मक्का, कपास, खरीफ तिलहन, खरीफ दालें, चारा वाली और बागवानी की फसलों को गत वर्ष उगाते हैं, तो उन्हें इस योजना के तहत 7 हजार रुपए प्रति एकड़ का अनुदान देने का प्रावधान है.
किसानों को मिलेंगे प्रति एकड़ 10 हजार रुपए (Farmers will get 10 thousand rupees per acre)
सरकार ने निर्णय लिया था कि अगर किसान धान की रोपाई न करके अन्य फसलों की बुवाई करेंगे, तो उन्हें सरकार प्रति एकड़ 7000 रुपए देगी. मगर अब सरकार ने निर्णय लिया है कि जो भी किसान एग्रो फोरेस्टी करता है, साथ ही अपनी जमीन पर 400 पेड़ लगाता है, तो उन्हें सरकार 10 हजार रुपए देगी. यह राशि 3 साल तक मिलेगी.
किसानों को तोहफा (Gift to Farmers)
खास बात यह है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा पानी बचाने के लिए खास कदम उठाए जा रहे हैं. दरअसल, किसानों को ‘खेती खाली-फिर भी खुशहाली’ नारे के साथ खास तोहफा दिया गया है. यानी उन किसानों को मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत 7 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी, जो धान (Paddy) की फसल के समय अपने खेतों को खाली रखेंगे.
कैसे मिलेगा लाभ? (How to Get Benefit?)
अगर किसान इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो किसानों को मेरी फसल-मेरा ब्यौरा और मेरा पानी-मेरी विरासत पोर्टल पर जाना होगा. यहां प्रति एकड़ फसल की विस्तृत जानकारी भरनी होगी. इसके बाद जानकारी अपलोड होगी और फिर विभाग द्वारा वेरीफिकेशन किया जाएगा. इसके अलावा किसान अपने क्षेत्र के खंड कृषि अधिकारी कार्यालय में संपर्क करके रजिस्ट्रेशन करवा सकता है.
इसके बाद पात्रों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. बता दें कि कृषि अधिकारियों को प्रशासन की ओर से निर्देश मिले हैं कि इस योजना संबंधित किसी भी तरह की कोई शिकायत न आए.
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