ड्रोन खरीदने की प्लानिंग बना रहे किसानों के लिए खुशखबरी है. केंद्र सरकार ने एक शानदार योजना शुरू की है. इस योजना के तहत किसानों को ड्रोन खरीदने पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है. इस योजना के तहत किसान 5 लाख रुपए तक का लाभ उठा सकते हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सीमांत किसान, पूर्वोत्तर राज्यों के किसान और महिला किसान ड्रोन सब्सिडी योजना के लिए पात्र होंगे, जबकि अन्य किसान ड्रोन पर 4 लाख रुपये या इसकी लागत का 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं. किसान ड्रोन के माध्यम से अपनी फसलों पर आसानी से उर्वरक और अन्य रसायनों का छिड़काव कर सकते हैं. इससे किसानों की निश्चित रूप से समय की बचत होगी. साथ ही रसायनों की बर्बादी भी कम होती है.
ड्रोन सब्सिडी योजना के तहत किसानों के पास ड्रोन खरीदने का बढ़िया मौका है. सरकार भी चाहती है कि विकसित देशों की तरह भारत में भी किसान नई-नई तकनीकों के उपयोग कर खेती करें. ताकि अधिक से अधिक उत्पादन मिले और किसानों की आर्थिक स्थिति अच्छी हो.
फसल की सेहत का रख सकेंगे रिकॉर्ड
अब तक ज्यादातर किसान खुद ही फसलों पर कीटनाशकों और अन्य रसायनों का छिड़काव करते हैं. ऐसे में उनके स्वास्थ्य पर कीटनाशकों और अन्य रसायनों से बूरा प्रभाव पड़ता है. वहीं, ड्रोन की मदद से रसायनों का छिड़काव कम समय में हो पाएगा. और वे कीटनाशकों के संपर्क में नहीं आएंगे. साथ ही किसान ड्रॉन में लगे हाई रिजोल्युशन कैमरों से अपनी फसल की सेहत का रिकॉर्ड रख सकते हैं.
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मैन्युअल छिड़काव में मिट्टी और रासायनिक वेस्टेज की संभावना अधिक
पहले जहां 1 एकड़ भूमि में मैन्युअल रूप से रसायनों का छिड़काव करने में घंटों का समय लगता था. वहीं अब ड्रोन के माध्यम से मुश्किल से 10-15 मिनट में उस काम को कर लिया जाएगा. इससे किसानों का काफी समय बचेगा. वहीं, मैन्युअल रूप से किए जाने वाले छिड़काव की तुलना में ड्रोन से छिड़काव पर कम पानी की आवश्यकता होगी.
ऐसे में यह किसानों के लिए प्रभावी हो सकता है और साथ ही पानी का संरक्षण भी कर सकता है. इसके साथ ही मैन्युअल छिड़काव में मिट्टी और रासायनिक वेस्टेज की संभावना अधिक रहती है.
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