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Dairy loan: खोलिए भैंस/ गाय वाली डेयरी, मिलेगा 20 लाख तक का लोन और 33% सब्सिडी

पशुपालन कृषि से जुड़ा एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो पशुओं के लिए है जो दूध, मांस और अंडे आदि के लिए किया जाता हैं. भारत में पशुपालन को बढ़ावा देने और डेयरी किसानों की मदद करने के लिए, सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं. आज इस लेख में हम ऐसी ही एक योजना पर ध्यान केंद्रित करेंगे. पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग (DAHD & F) ने 2005-06 में "डेयरी और कुक्कुट के लिए उद्यम पूंजी योजना" नामक एक पायलट योजना शुरू की थी.

विवेक कुमार राय
विवेक कुमार राय
डेयरी उद्यमिता विकास योजना (डीईडीएस)
डेयरी उद्यमिता विकास योजना (डीईडीएस)

पशुपालन कृषि से जुड़ा एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो पशुओं के लिए है जो दूध, मांस और अंडे आदि के लिए किया जाता हैं. भारत में पशुपालन को बढ़ावा देने और डेयरी किसानों की मदद करने के लिए, सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं. आज इस लेख में हम ऐसी ही एक योजना पर ध्यान केंद्रित करेंगे. पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग (DAHD & F) ने 2005-06 में "डेयरी और कुक्कुट के लिए उद्यम पूंजी योजना" नामक एक पायलट योजना शुरू की थी.

इस योजना का उद्देश्य डेयरी क्षेत्र में संरचनात्मक परिवर्तन लाने के लिए छोटे डेयरी फार्म और अन्य घटकों की स्थापना के लिए सहायता प्रदान करना है. बाद में, DAHD & F ने अपना नाम बदलकर 'डेयरी उद्यमिता विकास योजना' (DEDS) कर लिया और संशोधित योजना 1 सितंबर, 2010 से लागू हो गई.

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक, जिसे नाबार्ड के नाम से जाना जाता है, योजना के कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी है. सहकारी बैंक, वाणिज्यिक बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण और शहरी बैंक, राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक और ऐसे अन्य संस्थान जो नाबार्ड से जुड़े हुए है, वे सभी इस योजना के तहत लोन देते है.

'डेयरी उद्यमिता विकास योजना' का उद्देश्य (Objective of 'Dairy Entrepreneurship Development Scheme')

स्वच्छ दूध उत्पादन के लिए नए/आधुनिक डेयरी फार्मों की स्थापना को बढ़ावा देना
हेफ़र बछड़ा के पालन को प्रोत्साहित करने के लिए
व्यावसायिक पैमाने पर दूध को संभालने के लिए गुणवत्ता और पारंपरिक तकनीक में सुधार करना
असंगठित क्षेत्र में संरचनात्मक परिवर्तन लाने के लिए ताकि प्रारंभिक दुग्ध प्रसंस्करण को ग्राम स्तर पर ही लिया जा सके.
स्वरोजगार उत्पन्न करना और मुख्य रूप से असंगठित क्षेत्र के लिए बुनियादी ढाँचा उपलब्ध कराना.

डेयरी उद्यमिता विकास योजना (Dairy Entrepreneurship Development Scheme)
डेयरी उद्यमिता विकास योजना (Dairy Entrepreneurship Development Scheme)

डेयरी उद्यमिता विकास योजना से कौन लाभान्वित हो सकता है?

किसान, उद्यमी, कंपनियां, गैर-सरकारी संगठन, संगठित (स्व-सहायता समूह, डेयरी सहकारी समितियां, दुग्ध संघ, दुग्ध संघ) के समूह और असंगठित क्षेत्र.
एक व्यक्ति योजना के तहत सभी घटकों के लिए सहायता लेने के लिए पात्र होगा, लेकिन प्रत्येक घटक के लिए केवल एक बार.
यदि वे विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग बुनियादी ढांचे के साथ अलग-अलग इकाइयां स्थापित करते हैं, तो परिवार के 1 से अधिक सदस्य को डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत सहायता प्रदान की जा सकती है.

लाभ और सहायता का पैटर्न

इस योजना के तहत, किसानों को 10 पशु इकाई के लिए 7 लाख रुपये का लोन मिलेगा- न्यूनतम इकाई का आकार दो जानवर हैं जिनकी ऊपरी सीमा दस पशु है. परियोजना लागत का 25 प्रतिशत (एसटी / एससी किसानों के लिए 33.33 प्रतिशत), जैसा कि पूंजीगत सब्सिडी समाप्त हुई. इसके अलावा, सब्सिडी को अधिकतम दस जानवरों के लिए प्रतिबंधित किया जाएगा, जो अधिकतम दस पशुओं के लिए रु 15,000 / पशु की सीमा के अधीन होगा. लाभार्थी उच्च लागत के जानवरों को खरीद सकते हैं..

हेफ़र बछड़ों के पालन के लिए - 20 बछड़े की ऊपरी सीमा के साथ 20 बछड़ा इकाई के लिए 9 लाख रु

दूध देने वाली मशीनों / मिल्कोटेस्टर / बल्क मिल्क कूलिंग यूनिट (5000 लीटर की क्षमता तक) की खरीद के लिए -20 लाख रु
स्वदेशी दुग्ध उत्पादों के निर्माण के लिए डेयरी प्रसंस्करण उपकरण खरीदने के लिए- 13.20 लाख रु

DEDS योजना के तहत लोन देने वाले वित्तीय संस्थान (Lending Institutions under DEDS Scheme)

वाणिज्यिक बैंक
क्षेत्रीय बैंक
राज्य सहकारी बैंक
राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक
अन्य संस्थान जो NABARD से पुनर्वित्त पाने के पात्र है.

DEDS योजना का लाभ लेने के लिए जरूरी दस्तावेज (Documents required to avail DEDS scheme)

यदि लोन 1 लाख से अधिक है तो लोन लेने वाले को अपनी जमीन संबंधी कुछ कागजद गिरवी रखने पड़ सकते है.

जाति प्रमाण पात्र
पहचान पत्र और प्रमाण पत्र
प्रोजेक्ट बिजनेस प्लान की प्रति
योजना संबंधी जरूरी बातें

उद्यमी को पूरी पोजेक्ट कॉस्ट का कम से कम 10 फीसद अपने पास से लगाना पड़ेगा. इसके अलावा अगर प्रोजेक्ट किसी कारणवश 9 महीने से पहले पूरा नहीं हो पता है तो प्रोजेक्ट लगाने वाले को सब्सिडी का लाभ नहीं मिलेगा. साथ ही इस योजना के तहत दी जाने वाली सब्सिडी बैक एंडेड सब्सिडी( Back Ended Subsidy) होगी. Back Ended से हमारा तात्पर्य ‘NABARD’ द्वारा सब्सिडी जिस बैंक से लोन लिया गया है उस बैंक को जारी की जाएगी, और वह बैंक लोन देने वाले व्यक्ति के नाम पर उस पैसे को अपने पास जमा रखेगा.

पशुपालक इस लिंक https://www.nabard.org/auth/writereaddata/File/Annexure_1.pdf  पर क्लिक करके भी फॉर्म प्राप्त कर सकते हैं.

उत्तर प्रदेश के पशुपालक अधिक जानकारी के लिए अपने यहां के पशुपालन विभाग के अधिकारी से बात करने के लिए http://www.animalhusb.upsdc.gov.in/en/contact-us   लिंक पर विजिट कर सकते है.

अभी तक किन-किन पशुपालकों ने डेयरी इंटरप्रेन्योर डेवलपमेंट स्कीम का लाभ उठाया है यह जानने के लिए https://www.nabard.org/content.aspx?id=591 लिंक पर विजिट कर List of beneficiaries from 1 February 2020 to 15 March 2020 और List of beneficiaries for the month of 01 Jan 2020 to 31 Jan 2020 को देखें.

अधिक जानकारी के लिए http://dadf.gov.in/deds पर विजिट करें.

English Summary: Dairy loan: open buffalo / cow dairy, NABARD will give loans up to Rs 20 lakh and 33% subsidy under DEDS Published on: 31 March 2020, 10:56 IST

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