पशुपालन क्षेत्र में आजकल डेयरी फार्मिंग बिज़नेस (Dairy Farming Business) सुर्ख़ियों में बना हुआ है, जिसको लोग बड़े जोरो-शोरों से अपना रहे हैं. चाहे देश हो या विदेश लोग अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़ कर पशुपालन बिज़नेस (Animal Husbandry Business) में अपना कदम रख रहे हैं, जो आर्थिक सुधार और बेरोज़गारी को ख़त्म करने में मदद कर रहा है. ऐसे में आज हम यूपी, बिहार व झारखंड के नागरिकों को डेयरी फार्मिंग लोन (Dairy Farming Loan for UP, Bihar and Jharkhand) के बारे में बताने जा रहे हैं.
डेयरी फार्मिंग के लिए नाबार्ड सब्सिडी (Dairy Farming NABARD Subsidy)
डेयरी फार्मिंग भारत में बड़े पैमाने पर असंगठित क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका का एक प्रमुख स्रोत है. डेयरी फार्मिंग उद्योग (Dairy Farming Industry) में संरचना लाने और डेयरी फार्म स्थापित (Dairy Farm) करने के लिए सहायता प्रदान करने के प्रयास में पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग (Animal Husbandry, Dairying and Fisheries Department) ने 2005 में "डेयरी के लिए उद्यम पूंजी योजना" (Venture Capital Scheme for Dairy) शुरू की थी.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उद्यम पूंजी योजना की सफलता के बाद, सरकार ने 2010 में नाबार्ड के माध्यम से डेयरी उद्यमिता विकास योजना (Dairy Entrepreneurship Development Scheme) शुरू करने का निर्णय लिया. तो आइये जानते हैं डेयरी फार्मिंग के लिए नाबार्ड सब्सिडी (NABARD Subsidy Scheme) कैसे प्राप्त करें.
डेयरी फार्मिंग के लिए नाबार्ड सब्सिडी का उद्देश्य (Objectives of NABARD Dairy Farming Subsidy)
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भारत में डेयरी फार्मिंग (Dairy Farming) बड़ा व्यवसाय है और हर साल दूध का उत्पादन बढ़ रहा है.
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भारत में इसको और मजबूत करने के प्रयास में, डेयरी फार्मिंग के लिए नाबार्ड सब्सिडी शुरू की गई.
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इसका उद्देश्य स्वच्छ दूध के उत्पादन के लिए आधुनिक डेयरी फार्मों की स्थापना को बढ़ावा देना है.
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बछिया पालन को प्रोत्साहित करने के लिए अच्छे प्रजनन स्टॉक का संरक्षण भी इसके उद्देश्यों में से एक है.
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असंगठित क्षेत्र में संरचनात्मक परिवर्तन लाना ताकि दूध का प्रारंभिक प्रसंस्करण ग्राम स्तर पर ही किया जा सके.
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व्यावसायिक स्तर पर दूध को संभालने के लिए गुणवत्ता और पारंपरिक प्रौद्योगिकी का उन्नयन करना.
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मुख्य रूप से असंगठित क्षेत्र के लिए स्वरोजगार उत्पन्न करना और बुनियादी ढांचा प्रदान करना.
नाबार्ड डेयरी फार्मिंग सब्सिडी पात्रता (NABARD Dairy Farming Subsidy Eligibility)
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किसानों
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व्यक्तिगत उद्यमी
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गैर सरकारी संगठनों
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कंपनियों
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असंगठित और संगठित क्षेत्र के समूह आदि.
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इसके अलावा, संगठित क्षेत्र के समूहों में स्वयं सहायता समूह, डेयरी सहकारी समितियाँ, दुग्ध संघ, दुग्ध संघ आदि शामिल हैं.
नाबार्ड डेयरी फार्मिंग सब्सिडी पाने का नियम (NABARD Dairy Farming Subsidy Law)
हालांकि, एक व्यक्ति योजना के तहत सभी घटकों के लिए डेयरी सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए पात्र होगा. इसके अलावा, यदि एक परिवार के एक से अधिक सदस्यों को डेयरी फार्मिंग सब्सिडी का लाभ उठाना है, तो उन्हें अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग बुनियादी ढांचे के साथ अलग-अलग इकाइयां स्थापित करनी होंगी. ऐसे दो फार्मों की सीमाओं के बीच की दूरी कम से कम 500 मीटर होनी चाहिए.
नाबार्ड डेयरी फार्मिंग सब्सिडी के लिए आवेदन कैसे करें (How to Apply for Dairy Farming Subsidy from NABARD)
यदि आप अपना डेयरी फार्म खोलना चाहते हैं और नाबार्ड की योजना के पात्र हैं तो इच्छुक व्यक्ति इसकी आधिकारिक वेबसाइट nabard.org पर जाकर इसका लाभ उठा सकते हैं.
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