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Custom hiring center : 10 लाख रुपए खर्च करके मशीन बैंक बनाने पर 95 फीसद सब्सिडी

उन्नत तरीके खेती करने के लिए किसानों के पास आधुनिक कृषि यंत्र का होना बहुत जरूरी होता है. कृषि यंत्रों से जहां मेहनत कम लगती है तो वहीं फसलों की उपज भी अच्छी होती है. लेकिन कुछ किसान पैसे के अभाव में महंगे कृषि यंत्र नहीं खरीद पाते हैं. इन्हीं बिन्दुओं के मद्देनज़र देश के लघु एंव सीमांत कृषकों को आधुनिक कृषि यंत्र किराये पर उपलब्ध करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने देश में 42 हजार कस्टम हायरिंग केंद्र बनाए हैं. गौरतलब है कि मोदी सरकार (Government of India) ने अब इसी क्रम में किसानों की समस्या का समाधान करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है.

विवेक कुमार राय
विवेक कुमार राय
agri equipment

उन्नत तरीके खेती करने के लिए किसानों के पास आधुनिक कृषि यंत्र का होना बहुत जरूरी होता है. कृषि यंत्रों से जहां मेहनत कम लगती है तो वहीं फसलों की उपज भी अच्छी होती है. लेकिन कुछ किसान पैसे के अभाव में महंगे कृषि यंत्र नहीं खरीद पाते हैं. इन्हीं बिन्दुओं के मद्देनज़र देश के लघु एंव सीमांत कृषकों को आधुनिक कृषि यंत्र किराये पर उपलब्ध करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने देश में 42 हजार कस्टम हायरिंग केंद्र बनाए हैं. गौरतलब है कि मोदी सरकार (Government of India) ने अब इसी क्रम में किसानों की समस्या का समाधान करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. दरअसल कुछ पिछड़े राज्यों में सरकार ने खेती-किसानी से जुड़ी मशीनें (Farm Equipment) लेने के लिए 100 फीसदी तक सब्सिडी (Subsidy on Farm Equipment) देने का फैसला किया है. यानी किसान को अब एक भी रुपए  अपनी जेब से कस्टम हायरिंग केंद्र (Custom hiring center) खोलने के लिए नहीं लगाना होगा.

बता दे कि खेती में मशीनीकरण को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने कृषि यंत्रीकरण उपमिशन (Sub-mission of Agricultural Mechanization) नामक योजना शुरू की है. इसके योजना के अंतर्गत जुताई, बुवाई, पौधारोपण, फसल कटाई और वेस्ट मैनेजमेंट के लिए उपयोग में लाई जाने वाली मशीनों की खरीद अब आसान से हो सकेगी. कृषि यंत्रीकरण उपमिशन के तहत लैंड लेवलर, जीरो टिल सीड ड्रिल, हैप्पी सीडर, मल्चर आदि जैसे आधुनिक कृषि मशीनरी मिलेगा ताकि खेती आसान हो, उत्पादन बढ़े और आय दोगुनी हो जाए.

कृषि यंत्रों के लिए 100 सब्सिडी (100 subsidy for agricultural implements)

दरअसल पूर्वोत्तर क्षेत्र के किसानों के लिए केंद्र सरकार की ओर से विशेष सुविधा दी गई है. जिसमें कस्टम हायरिंग केंद्र (Custom hiring center) बनाने के लिए 100 फीसदी आर्थिक मदद देने का फैसला लिया गया है. हालांकि जिस योजना में शत प्रतिशत सब्सिडी है उसमें अधिकतम 1.25 लाख रुपए  मिलेंगे. तो वहीं  पूर्वोत्तर क्षेत्र के किसान समूहों यदि मशीन बैंक बनाने पर 10 लाख रुपए  तक का खर्च करते हैं तो उन्हें 95 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी. गौरतलब है कि अन्य क्षेत्रों में सामान्य् श्रेणी वाले किसानों को 40 प्रतिशत मदद मिलेगी. जबकि एससी, एसटी, महिला व लघु-सीमांत किसानों के लिए 50 प्रतिशत की दर से सब्सिडी मिलेगी.

equipments

किराए पर कृषि उपकरण लेने के लिए मोबाइल ऐप (Mobile App for Renting Agricultural Equipment)

किसानों को आसानी से कृषि मशीनरी प्राप्त हो सके सरकार ने इसके लिए “सीएचसी-फार्म मशीनरी” मोबाइल ऐप शुरू किया है. जिससे किसानों को अपने क्षेत्र में कस्टरम हायरिंग सेवा सेंटर (CHC-Agricultural Machinery Custom Hiring Centers) के जरिए किराए पर ट्रैक्टर समेत खेती से जुड़ी सभी तरह की कृषि मशीनरी आसानी से मिल जाएगी. सरकार ने का मोबाइल ऐप का नाम CHC Farm Machinery रखा है. गूगल प्ले स्टोर पर यह ऐप हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू समेत 12 भाषाओं में उपलब्ध है.

CHC-Agricultural Machinery  के लिए किसान कैसे करें आवेदन (How to apply for CHC-Agricultural Machinery)

अगर कोई किसान कृषि यंत्रों पर सब्सिडी के लिए आवेदन करना चाहता है तो वह सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) पर जाकर https://register.csc.gov.in/ पर आवेदन कर सकता है. यहां जाकर किसान अपनी पसंद का यंत्र सीएससी संचालक को बता सकता है. इसके बाद सीएससी सेंटर संचालक आवेदन नंबर किसान को दे देगा. इसके साथ ही किसान साइबर कैफे आदि से भी आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए किसान को https://agrimachinery.nic.in/ पोर्टल पर जाकर आवेदन करना होगा.

English Summary: Custom hiring center: 95% subsidy on making machine bank after spending 10 lakh rupees Published on: 20 March 2020, 05:27 IST

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