मानसून का आगमन हो चुका है. किसान ने भी अलग- अलग फसलों की खेती करनी शुरू कर दी है. कुछ किसानों ने इस बार मौसम के मद्देनजर परंपरागत खेती को छोड़कर नई फसलों की खेती करनी शुरू कर दी हैं. इसी कड़ी में बारिश शुरू होते ही यूपी के हमीरपुर जिले के किसानों ने परंपरागत खेती को छोड़कर तुलसी के पौधे की बुवाई शुरू कर दी है. गौरतलब है कि तुलसी की खेती कर रहे जिले के लगभग 4 हजार किसानों ने ऑनलाइन आवेदन कर राज्य सरकार के आयुष मिशन योजना के तहत उद्यान विभाग से औषधीय फसलों की खेती करने पर मिलने वाले लाभों से लाभान्वित होने का मन बना लिया है.
बता दे कि सरकार ने इस वर्ष तुलसी की खेती के लिए 182 हेक्टेयर क्षेत्रफल निर्धारित किया है. हालांकि जब तुलसी की खेती की शुरूआत हुई थी, तब किसान इसे सुनना भी पसन्द नहीं करते थे. लेकिन अब किसानों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक गोहाण्ड, राठ व सरीला ब्लॉक के गांवो में हर गांव में तुलसी की खेती के लिए 30 किसानों का अनुबन्ध कराया गया है. कम्पनियां सहायता करने से पीछे हट गयीं है इसलिए किसान थोड़ा कमजोर पड़ रहा है. बता दे कि कम्पनी से हुए एक समझौते के अनुसार 9200 रूपये प्रति कुंटल के हिसाब से तुलसी की सूखी पत्तियां कंपनी को खरीदना था.
गौरतलब है कि बीते वित्तीय साल में सरकार ने 40 हेक्टेयर में तुलसी की खेती करने के लिए अनुदान दिया था. वहीं इस साल इसका लक्ष्य 183 हेक्टेयर कर दिया गया है. 20 हेक्टेयर में एलोवेरा और 5 हेक्टेयर में शतावर पैदा करने वाले किसानेां को सब्सिडी दिया जायेगा . तुलसी और एलोवेरा पर किसान को 30 फीसदी सब्सिडी मिलेगा. इन दोनेां की खेती पर अधिकतम 2 हेक्टेयर पर सब्सिडी मिलेगा.
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि 1 हेक्टेयर में तुलसी की खेती करने पर 43923 रूपया की लागत पर 13180 रूपया सब्सिडी मिलेगा इसी तरह एलोवेरा में 62424 प्रति हेक्टेयर की लागत पर 18232 रूपया का सब्सिडी मिलेगा. तो वही शतावर में प्रति हेक्टेयर 91506 रूपया की लागत पर 27450 रूपया अनुदान मिलेगा.
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