
PM Matsya Sampada Yojana: बिहार में मछली पालन किसानों और युवाओं के लिए एक लाभकारी स्वरोजगार का साधन बनता जा रहा है. कम लागत और सरकारी सब्सिडी के साथ शुरू किया गया यह व्यवसाय सही तकनीक अपनाने पर सालाना लाखों की कमाई दिला सकता है. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना जैसे सरकारी प्रोत्साहन कार्यक्रमों के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में मछली पालन को बढ़ावा मिल रहा है. यह न केवल आजीविका का नया रास्ता खोलता है, बल्कि जल आधारित कृषि मॉडल को भी सशक्त बनाता है.
एक एकड़ तालाब से सालाना 5–8 लाख की कमाई
यदि वैज्ञानिक तरीके से मछली पालन किया जाए तो एक एकड़ तालाब से सालाना 5 से 8 लाख रुपए तक की आय प्राप्त की जा सकती है. इसके लिए तालाब की गहराई, जल की गुणवत्ता, और मछलियों के प्रकार का विशेष ध्यान रखना होता है.
पीएम मत्स्य संपदा योजना का लाभ
सरकार की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत इच्छुक लाभार्थी लघु, मध्यम और वृहद तीन प्रकार की इकाइयों में आवेदन कर सकते हैं. इस योजना का उद्देश्य मछली उत्पादन को बढ़ावा देना और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजित करना है.
लघु यूनिट के लिए ज़मीन और खर्च
लघु स्तर पर मछली पालन शुरू करने के लिए केवल 1200 वर्गफुट जमीन की आवश्यकता होती है. इसमें लगभग 3 लाख का निवेश आता है. सरकार इस निवेश पर सब्सिडी भी प्रदान करती है.
सब्सिडी की दरें: 40% से 60% तक
मछली पालन यूनिट लगाने पर सरकार सामान्य वर्ग के लाभुकों को 40% तक की सब्सिडी देती है, जबकि महिलाओं, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) से जुड़े लाभुकों को 60% तक का अनुदान दिया जाता है. इससे स्वरोजगार की दिशा में वित्तीय सहयोग मिलता है और शुरुआती लागत का बोझ कम हो जाता है.
प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता
मछली पालकों को सरकार की ओर से प्रशिक्षण भी दिया जाता है, जिससे वे मछली पालन की आधुनिक तकनीकों, मछलियों की देखभाल और रोगों की पहचान के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें. इससे उत्पादन में बढ़ोतरी होती है और नुकसान की संभावना घटती है.
मछलियों की प्रमुख प्रजातियां
पालन के लिए प्रमुख मछली प्रजातियों में कार्प, पोयसिलिया, सिचलिड, और वायु श्वासी मछलियां शामिल हैं. ये प्रजातियाँ जल्दी बढ़ती हैं और बाजार में इनकी अच्छी मांग होती है.
एक्वेरियम मछली पालन भी फायदे का सौदा
शहरी क्षेत्रों में एक्वेरियम मछली पालन भी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. इसके लिए 60x30x38 सेमी का एक्वेरियम आदर्श माना जाता है. इस आकार के एक्वेरियम में लगभग 24 मछलियां आराम से पाली जा सकती हैं.
देखभाल और रखरखाव
मछली घर को ऐसी जगह पर रखना चाहिए जहां अप्रत्यक्ष सूर्य प्रकाश आता हो. पानी का तापमान 22 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए. पानी की हर 15 दिनों में सफाई जरूरी है, ताकि मछलियां स्वस्थ बनी रहें.
बीमार मछलियों की पहचान
बीमार मछलियों की पहचान करना भी जरूरी है. यदि मछलियां भोजन में रुचि न लें, सुस्त रहें या जल की सतह पर लगातार तैरती दिखें, तो यह बीमारी के लक्षण हो सकते हैं. ऐसे में तुरंत विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए.
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