इन दिनों सरसों की फसल में कीट या रोगों का खतरा मंडराने लगा है, जिससे सरसों के फूल तेजी से झड़कर गिरने लगे हैं. सरसों की फसल में इस रोग के प्रकोप से किसान काफी परेशान हैं, क्योंकि किसान को भी मालूम नहीं है कि सरसों की फसल में यह कौन-सा रोग लग गया है, जो फसल को समय से पहले पका रहा है.
ऐसे में अगर कृषि अधिकारी और वैज्ञानिकों ने जल्द इस ओर ध्यान नहीं दिया, तो फसल के उत्पादन पर इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है. किसानों के लिए चिंता की बात है कि कृषि अधिकारी और वैज्ञानिक भी सरसों के इस रोग से अनजान हैं.
क्या यह रोग रस चूसने वाला कीड़ा या माहू है? (Is this disease a sucking worm or a moth?)
कृषि वैज्ञानिक का मानना है कि अगर फसल के फूल समय से पहले झड़ रहे हैं, तो यह रस चूसने वाला कीड़ा या माहू हो सकता है, लेकिन उचित मौसम होने पर भी ऐसी समस्या हो रही है, इसलिए इसका पूरा प्रबंध किसानों को कर लेना चाहिए क्योंकि अगर फसल पर इस रोग का प्रकोप जारी रहता है, तो सरसों की फसल निर्धारित समय से पहले ही पककर तैयार हो जाएगी, जिससे सरसों के उत्पादन में लगभग 30 से 50 प्रतिशत का नुकसान हो सकता है.
क्या यह सर्दी और पाला का असर है? (Is it the effect of cold and frost?)
इस बार जनवरी-फरवरी में ज्यादा सर्दी पड़ी है, जिसकी वजह से शायद सरसों की फसल में यह रोग लगा है, जो फसल के फूलों को झाड़ रहा है. कृषि अधिकारियों की मानें, तो सर्दी से फसल को कोई नुकसान या कीट नहीं लगना चाहिए, जबकि सर्दी फसल के लिए फायदेमंद होती है. कई किसानों का मानना है कि सरसों की फसल में पाला पड़ गया था, जिसका असर अब दिखाई दे रहा है.
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सरसों, आलू समेत कई फसलों को नुकसान (Damage to many crops including mustard, potato)
किसान सरसों, आलू के अलावा अन्य कई फसलों की खेती कर रहा है, इस रोग ने लगभग सभी किसानों को परेशानी में डाल दिया है. अब किसान अपनी समस्याओं को लेकर कृषि विभाग के चक्कर लगाने लगे हैं, लेकिन कृषि अधिकारी और वैज्ञानिक भी किसानों की इस समस्या का समाधान नहीं निकाल पा रहे हैं.
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