Best Wheat Variety: गेहूं रबी सीजन में बोई जाने वाली सबसे प्रमुख फसलों में से एक है. गेहूं की खेती (Wheat Cultivation) देश के लगभग सभी क्षेत्रों में की जाती है. यदि Gehu Ki Kheti में उन्नत किस्म का चुनाव किया जाए, तो किसानों को फसल की काफी बंपर पैदावार प्राप्त हो सकती है. इन्हीं बातों को नजर रखते हुए कृषि वैज्ञनिकों ने गेहूं की खास किस्म (Wheat Variety) को विकसित किया है. कृषि वैज्ञानिकों द्वारा गेहूं की यह खास किस्म (Special Variety Of Wheat) किसानों की आय में बढ़ोत्तरी करनें में मदद कर सकती है. गेंहू की यह नई वैरायटी सेहत के लिए भी काफी लाभदायक साबित हो रही है. गेहूं की यह किस्म अपनी खासियत की वजह से किसानों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है.वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गई गेहूं की इस किस्म का नाम डीबीडब्ल्यू-303 (DBW-303) है. गेहूं की इस किस्म में सभी प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को शक्ति प्रदान करते हैं और अनेक रोगों से बचा कर रखते हैं.
आइये कृषि जागरण की इस पोस्ट में गेहूं की इस खास किस्म की खासियत के बारे में विस्तार से जानते हैं.
गेहूं की किस्म डीबीडब्ल्यू-303 की खासियत (Specialties Of Wheat Variety DBW-303)
गेहूं की इस किस्म को करण वैष्णवी के नाम से भी पहचाना जाता है. इस किस्म के गेंहू की खेती करके किसान 81.2 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक की पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. गेहूं की इस किस्म से फसल 145 दिन में पककर तैयार हो जाती है. इस गेहूं से बनी रोटियां भी बहुत स्वादिष्ट और सेहतमंद मानी जाती हैं.
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इस डीबीडब्ल्यू-303 किस्म में प्रोटीन 12 पीपीएम, जिंक 42 पीपीएम व आयरन 43 पीपीएम पाया जाता है. इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत ये हैं कि किसान इस किस्म से अगले सीजन में भी इसकी खेती कर अच्छा बीज प्राप्त कर सकते हैं.
गेहूं की किस्म डीबीडब्ल्यू-303 इन क्षेत्रों के लिए उपयुक्त (Wheat Variety DBW-303 Suitable For These Areas)
गेहूं की इस किस्म की बुवाई उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तराखंड के राज्यों के किसानों के लिए काफी उपयुक्त मानी जाती है. छोटे किसान भी गेंहू की इस किस्म की खेती करके अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. इससे उन्हें काफी अच्छा मुनाफा भी मिल सकता है.
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