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कम लागत में गेहूं की अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए अपनाएं ये तरीकें

मिट्टी की जांच के बाद उर्वरकों को प्रयोग करें. संतुलित मात्रा में समय पर उर्वरक दें. उर्वरकों का सही प्लेसमेंट उत्पादन बढ़ाने में एवं उर्वरक उपयोग क्षमता बढ़ाने में योगदान देता है. उर्वरको को बीज से 2-3 सेमी नीचे डाले. कार्बनिक एवं जैविक स्रोतों का भरपूर उपयोग करे जिससे मृदा स्वास्थ्य एवं उत्पादकता बढ़ती है. बीजदर अनुशंसित मात्रा में उपयोग करे. क्षेत्र विशेष के अनुसार शुद्ध, स्वस्थ्य, कीट एवं रोग रोधी किस्मों का चयन करें.समय पर बोनी करे. बीज एवं खाद एक साथ मिलाकर बोनी न करें. देर से बुवाई की अवस्था में संसाधन प्रबंधन तकनीक जैसे, जीरो टिलेज का प्रयोग करें. यथासंभव बुवाई लाइनों में करें क्रासिंग न करें. पौध संख्या अनुशंसा से ज्यादा न करें.

विवेक कुमार राय
wheat cultivation
Wheat

मिट्टी की जांच के बाद उर्वरकों को प्रयोग करें. संतुलित मात्रा में समय पर उर्वरक दें. उर्वरकों का सही प्लेसमेंट उत्पादन बढ़ाने में एवं उर्वरक उपयोग क्षमता बढ़ाने में योगदान देता है. उर्वरको को बीज से 2-3 सेमी नीचे डाले. कार्बनिक एवं जैविक स्रोतों का भरपूर उपयोग करे जिससे मृदा स्वास्थ्य एवं उत्पादकता बढ़ती है.

बीजदर अनुशंसित मात्रा में उपयोग करे. क्षेत्र विशेष के अनुसार शुद्ध, स्वस्थ्य, कीट एवं रोग रोधी किस्मों का चयन करें.समय पर बोनी करे. बीज एवं खाद एक साथ मिलाकर बोनी न करें. देर से बुवाई की अवस्था में संसाधन प्रबंधन तकनीक जैसे, जीरो टिलेज का प्रयोग करें. यथासंभव बुवाई लाइनों में करें क्रासिंग न करें. पौध संख्या अनुशंसा से ज्यादा न करें. 

खरपतवार नियंत्रक उपाय समय पर करें.खरपतवारनाशी दवाओं का इस्तेमाल करते समय ध्यान दे कि फसल में नीदाओं की सघनता एवं नीदाओं के प्रकार के हिसाब से रसायन का चयन करें.खरपतवार नाशी दवा का उपयोग मृदा में पर्याप्त नमी होने की दशा में सही मात्रा एवं घोल का इस्तेमाल करें.

गेहूँ में सिंचाई मिट्टी का प्रकार सिंचाई साधन, सिंचाई उपकरण को ध्यान में रखकर क्रान्तिक अवस्थाओं पर सिंचाई दे.

कीट एवं रोग नियंत्रक उपाय समय पर करें.

गेहूँ फसल की कटाई उपरांत नरवई खेतों में न जलायें, नरवई जलाने से खेतों की मृदा में उपलब्ध लाभदायक सूक्ष्म जीवाणुओं का ह्रास होता हैं नरवई की आग से लोगों के घरों में भी आग लगती है.एवं जन व पशुधन हानि की भी संभावना रहती है.गेहूँ की फसल कटाई उपरांत खेतों में समुचित नमी की दशा में रोटावेटर चलाने से नरवई कटकर मिट्टी में मिल जाती है जो कि मृदा के लिए लाभदायक भी है.

आज के समय में रसायनों के असंयमित प्रयोग से खेती की उत्पादन लागत बढ़ रही है.आवश्यकता है कि इस उत्पादन लागत को कम किया जाये. उत्पादन लागत को कम करने का सस्ता एवं प्रभावी रीका है समन्वित प्रबंधन उपायों को अपनाना.

मौसम के परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग के कारण धरती के बढ़ते तापमान एवं अनिश्चितता के कारण दिन प्रतिदिन कीड़े एवं बीमारियों की समस्या फसलों में बढ़ रही है.इनके प्रभावी प्रबंधन हेतु समन्वित उपायों को अपनाना नितांत आवश्यक है.

खेती में उत्पादन प्राप्त करने के लिये समय पर कुशल प्रबंधन एवं सही निर्णय आवश्यक है कई बार किसान भाई खरपतवार नियंत्रक उपायों को देर से अपनाते हैं जिसके कारण खरपतवार फसल की क्रांतिक अवस्था निकल जाती है एवं खरपतवार के पौधे मजबूत हो जाते हैं फिर उनका नियंत्रण रसायनों से भी मुश्किल होता है.

English Summary: Wheat Cultivation: right way to cultivate wheat follow these methods to get higher yield of wheat at low cost Published on: 05 November 2019, 12:50 PM IST

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