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Wheat Crop: गेहूं की फसल में जिंक की कमी के लक्षण और वैज्ञानिक उपचार, यहां जानें सबकुछ

Wheat Crop Disease: गेहूं की फसल में अक्सर जिंक की कमी के चलते किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है. ऐसे में हरियाणा कृषि विभाग की तरफ से गेहूं की फसल में जिंक की कमी के लक्षण व उपचार की जरूरी कृषि सलाह जारी की है. ताकि किसान समय रहते इसपर नियंत्रण कर अच्छी पैदावार प्राप्त कर सके.

लोकेश निरवाल
फसल में जिंक की पहचान और उपचार
फसल में जिंक की पहचान और उपचार

रबी सीजन में देश के किसान अपने खेतों में गेहूं की फसल प्रमुख रूप से करते हैं. गेहूं की फसल से अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए किसान कई तरह के कार्यों को करते हैं. ताकि गेहूं की फसल अच्छे से विकसित हो सके. लेकिन अक्सर देखा गया है कि गेहूं की फसल में जिंक की के चलते इसकी पैदावार में कमी हो जाती है, जिससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है. इसी क्रम में आज हम किसानों को गेहूं की फसल में जिंक की कमी के लक्षण व उसके उपचार की जानकारी लेकर आए हैं.

गेहूं की फसल में जिंक की कमी के लक्षण व उपचार के लिए हरियाणा कृषि विभाग ने किसानों के लिए जरूरी सलाह जारी की है. ताकि किसान समय रहते गेहूं की फसल का उपचार कर अच्छी पैदावार पा सके.

गेहूं की फसल में जिंक की कमी के लक्षण

हरियाणा कृषि विभाग के द्वारा जारी की गई गेहूं की फसल में जिंक की कमी के लक्षण व उपचार के लिए निम्नलिखित कृषि सलाह जारी की है, जो कुछ इस प्रकार से हैं-

जस्ते की कमी में गेहूं के पत्तों पर झुलसे रंग की (जैसा कि लोहे पर जंग लगने से होता है) बारीक लाइनें या धब्बे दिखाई देते हैं.

पौधों की पीलापन (Yellowing of Leaves):  गेहूं की फसल में जिंक की कमी से फसल के पत्ते पीले हो जाते हैं, जिससे फसल का सामान्य रूप से हरा रंग पीला हो जाता है.

पत्तों में सूखापन (Drying of Leaves):  जिंक की कमी से पत्तियां सूखने लगती है जिससे पौधों की सही फोटोसिंथेसिस नहीं हो पाती है, जिससे इनके उत्पादन में कमी देखने को मिलती है.

बीज की विकसित में कमी (Reduced Seed Vigor): जिंक की कमी से बीज की विकसित होने की गति में कमी देखने को मिलती है. इसके अलावा इससे अच्छे गुणवत्ता वाले फसल के विकास में भी दिक्कतें होना शुरू हो जाती है.

ये भी पढ़ें: गेहूं की फसल में प्राथमिक पोषक तत्व की कमी के लक्षण कैसे पहचानें?

गेहूं की फसल में जिंक की कमी के उपचार

किसानों को गेहूं की फसल में एक किलोग्राम जिंक सल्फेट (21 प्रतिशत) व आधा किलोग्राम चूना (बुझा हुआ) 200 लीटर पानी में घोलकर मलमल के कपड़े से छानकर प्रति एकड़ छिड़काव करें. ऐसा करने से किसान को गेहूं की पैदावार में अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे.

English Summary: Wheat Crop Disease rabi season Wheat Cultivation Haryana Agriculture Department Symptoms and treatment of zinc deficiency in wheat crop gehu ki kheti Published on: 23 January 2024, 12:26 PM IST

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