आज हम किसानों के लिए ऐसी फसल की जानकारी लेकर आए हैं, जिसकी खेती आमतौर पर बरसात में की जाती है और वह फसल है सिंघाड़ा. इसे पानी में उगाया जाता है और किसान इसे ठंड के मौसम में भी उगाकर बंपर पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही इस फल के कई फायदे हैं, जैसे – यह पाचन में सुधार करता है, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है और इसमें कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए काफी लाभकारी होते हैं.
सिंघाड़े की खेती की खासियत
सिंघाड़ा एक ऐसी फसल है जिसकी मांग पूरे साल रहती है. कुछ लोग इसे उबालकर खाते हैं, तो कुछ लोग इसके आटे से विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाना पसंद करते हैं. यह फसल तालाब, झील या पानी भरे खेतों में उगाई जाती है. इसकी खासियत यह है कि यह ठंडे मौसम में भी अच्छे से बढ़ती है और अच्छी उपज देती है.
सिंघाड़े की खेती की शुरुआत कैसे करें?
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किसान अगर सिंघाड़े की खेती करने का विचार बना रहे हैं, तो जान लें कि इसके लिए पहले नर्सरी तैयार की जाती है.
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उसके बाद बीजों को गोबर की खाद मिली उपजाऊ मिट्टी में बोया जाता है.
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इसके बाद जब पौधे 300 मिमी (30 सेंटीमीटर) तक लंबे हो जाते हैं, तो इन्हें बड़े तालाब या पानी से भरे खेतों में लगाया जाता है.
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साथ ही किसान इन पौधों को 15 दिनों के अंतराल में हिलाते रहें ताकि जड़ें मजबूत हों और अधिक उत्पादन दें.
किन राज्यों के लिए उचित फसल
इन राज्यों के किसानों के लिए यह फसल फायदेमंद साबित हो सकती है, क्योंकि यह अधिक उपज देकर लाखों का फायदा करा सकती है. ये राज्य हैं -
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बिहार
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मध्य प्रदेश
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पश्चिम बंगाल
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ओडिशा
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उत्तर प्रदेश
सिंघाड़ा फसल की विशेषताएं
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इस फसल में कीड़े लगने की संभावना होती है, ऐसे में किसान कार्बेन्डाजिम या कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का छिड़काव कर फसल को बचा सकते हैं.
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सिंघाड़े की फसल तैयार होने में लगभग 90 से 100 दिन लगते हैं.
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किसान फसल के पकने का पता इसके सख्त छिलके और गहरे रंग से लगा सकते हैं.
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एक एकड़ में सिंघाड़ा की औसतन 40 से 50 क्विंटल तक उपज मिलती है.
किसानों को कितना होगा मुनाफा?
इस फसल की खेती जब पक जाती है, तो इसके भाव बाजार में 2,500 से 3,500 रुपये प्रति क्विंटल तक होते हैं. ऐसे में किसान एक एकड़ में 1.5 से 2 लाख रुपये तक की बढ़िया कमाई कर सकते हैं और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
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