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किसानों के लिए बड़े काम का वेस्ट डीकंपोजर, उपज के साथ बढ़ेगी आमदनी !

भारत में कृषि उद्योग को भी दूसरे उद्योगों की तरह ही देखा जा रहा है, कृषि क्षेत्रों की ओर ज्यादा से ज्यादा लोग ध्यान देने लगे हैं. कृषि में आय के नए-नए साधन भी ढूंढे जा रहे हैं, इस बीच आपको वेस्ट डीकंपोजर की जानकारी दे रहे हैं. वेस्ट डीकंपोजर से किसान अपनी उपज बढ़ाने के साथ ही बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं.

राशि श्रीवास्तव
वेस्ट डीकंपोजर के फायदे
वेस्ट डीकंपोजर के फायदे

वेस्ट डीकंपोजर गाय के गोबर से खोजा एक तरल उत्पाद है जिसमें सूक्ष्म जीवाणु होते हैंजो कि फसल अवशेषगोबरजैव कचरे को खाते हैं और तेजी से बढ़ोतरी करते हैं और भूमि में जैविक कार्बन की मात्रा को बढ़ाते हैं दरअसल खेती-किसानी में रसायनों का उपयोग अंधाधुंध बढ़ा हैजिसकी वजह से जमीन की उत्पादकता पर काफी असर पड़ रहा हैइसके अलावा लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है साथ ही प्रदूषण भी बहुत अधिक हो रहा है तभी दिल्ली जैसे महानगरो में सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है. इन सभी समस्याओं से बचने के लिए सरकार ने किसानों के लिए प्रधानमंत्री मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना चलाई है. जिससे भूमि की जांच की जाती है और पता लगाया जाता है कि जमीन में किन पोषक तत्वों की कमी है फिर खेत में जरूरी पोषक तत्वों की सिफारिश कार्ड में दी जाती है इस सलाह पर किसान अपनी जमीन की उत्पादकता बढ़ाते हैंऐसे में वेस्ट डीकंपोजर का इस्तेमाल भूमि की उर्वरता बढ़ाने में ज्यादा किया जा रहा है. 

क्या है वेस्ट डीकंपोजर-गाय के गोबर से खोजा गया एक तरल उत्पाद वेस्ट डीकंपोजर कहलाता हैइसमें सूक्ष्म जीवाणु होते हैं जो फसल अवशेषगोबरजैव कचरे को खाते हैं और तेजी से बढ़ोतरी करते हैं साथ ही भूमि में जैविक कार्बन की मात्रा को बढ़ाते है जहां इन्हें डाला जाता है वहां एक श्रृंखला तैयार हो जाती है जो कुछ ही दिनों में गोबर और कचरे को सड़ाकर खाद बना देती है. यह भूमि में जैविक कार्बनिक पदार्थ की मात्रा को भी बढ़ाता है जो भूमि की उर्वरता बढ़ाने के लिए बहुत जरूरी है इसे जमीन में डालने से मिट्टी में मौजूद हानिकारक बीमारी फैलाने वाले कीटाणुओं की संख्या नियंत्रित होती है. और भूमि को स्वस्थ बनाने में मदद करता है.

घर पर वेस्ट डिकंपोजर बनाने की विधि

किसान चाहे तो अपने घर पर भी वेस्ट डिकंपोजर तैयार कर सकते हैं. वेस्ट डीकम्पोजर को सीधे खेत में न उपयोग करने से पहले इसका कल्चर बनाया जाता है  20 ग्राम की शीशी में मौजूद तरल पदार्थ को 200 लीटर पानी से भरे एक ड्रम में डाला जाता हैजिसमें दो किलो गुड़ डाला जाता है और फिर रोजाना इसे बार लकड़ी से हिलाते रहें 5-6 दिनों में घोल में मौजूद ऊपरी सतह पर झाग बन जाता है और फिर खेत में उपयोग के लिए तैयार माना जाता है. 

मिट्टी में कार्बन तत्व जरूरी

दरअसल मिट्टी में कार्बन तत्व और पीएच का पूरा खेल होता है ज्यादा फर्टीलाइजर डालने से PH बढ़ता जाता है और कार्बन तत्व (जीवाश्म) कम होते जाते हैं और फिर धीरे-धीरे जमीन बंजर होती जाती है. इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि किसानों को खेत में वेस्ट डिकंपोजर के साथ गोबरफसल अवशेष आदि इस्तेमाल जरूर करना चाहिए. जिससे मिट्टी में जैविक कार्बन की मात्रा बढ़ सके साथ ही फसलों की उपज में बढ़ोत्तरी हो. 

ये भी पढ़ेंः वेस्ट डीकम्पोजर : जैविक खेती के लिए नई आशा

वेस्ट डिकंपोजर उपयोग करने का तरीका

20 मिली लीटर की शीशी से 200 लीटर तरल खाद तैयार की जाती हैइससे खेत में छिड़काव कर सकते हैं गोबर-कचरे पर डालकर उसे खाद बना सकते हैं साथ ही बीज का शोधन भी कर सकते हैं. और अगर फसल में फफूंद जैसे रोग लगे हैं तो उस पर भी छिड़काव कर सकते हैं इसके अलावा वेस्ट डिकंपोजर के साथ हरी मिर्चहल्दीलहसुन और अदरक का रस निकालकर छिड़काव करें तो फसल के रस चूसने वाले कीटो को नियंत्रित कर सकते हैं इससे फसल की उपज के साथ-साथ किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी.

English Summary: Waste decomposer of great use for farmers, income will increase with yield! Published on: 06 March 2023, 10:33 AM IST

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