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जैविक कृषि उत्पादों से मिट्टी की उर्वरता और फसल उत्पादन में वृद्धि, जानें उपयोग के तरीके!

कृषि जैविक उत्पादों का समयानुसार और उचित विधि से प्रयोग न केवल उद्यानिक फसलों की गुणवत्ता और उत्पादकता में वृद्धि करता है, बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता भी सुनिश्चित करता है. जैविक कृषि को अपनाने से किसानों की आय में वृद्धि, उपभोक्ताओं को सुरक्षित खाद्य सामग्री, और पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ सतत विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति संभव है.

डॉ एस के सिंह
Organic Products
जैविक कृषि उत्पादों से मिट्टी की उर्वरता और फसल उत्पादन में वृद्धि (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Organic Agricultural Products: विभिन्न कृषि एवं उद्यानिक फसलों की उच्च उत्पादकता, गुणवत्ता और दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए कृषि जैविक उत्पादों का उपयोग एक प्रभावी उपाय है. ये उत्पाद पर्यावरण के अनुकूल, मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने वाले और पौधों के रोग व कीट प्रबंधन में सहायक होते हैं. सही समय और विधि का चयन करना इन उत्पादों के अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए आवश्यक है. 

जैविक उत्पादों की श्रेणियां और उनके लाभ

जैविक उत्पादों को उनकी भूमिका के आधार पर निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है जैसे....

1. जैव उर्वरक

जैव उर्वरक के प्रकार: राइजोबियम, एजोटोबैक्टर, एजोस्पिरिलम, फॉस्फेट सोल्युबिलाइजिंग बैक्टीरिया (PSB) और पोटाश मोबिलाइजिंग बैक्टीरिया इत्यादि का प्रयोग जैव उर्वरक के रूप में बहुत तेजी से लोकप्रिय हो रहा है.

जैव उर्वरक के प्रयोग से होनेवाले विविध लाभ- ये नाइट्रोजन स्थिरीकरण, फॉस्फेट व पोटाश की उपलब्धता बढ़ाने में सहायक हैं.

जैव उर्वरक के प्रयोग करने का समय

  • बुवाई के समय - बीजोपचार के रूप में. 
  • रोपाई के समय - जड़ों को जैव उर्वरक के घोल में डुबोकर.
  • फसल वृद्धि के दौरान - ड्रिप सिंचाई या मिट्टी में छिड़काव के माध्यम से. 

जैव उर्वरक का प्रयोग कैसे करें?

200 ग्राम जैव उर्वरक को 1 किलो गुड़ के साथ 10 लीटर पानी में मिलाकर रात भर रखें. इसे खेत में छिड़कें या पौधों की जड़ों पर डालें. 

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2. जैव कीटनाशक

जैव कीटनाशक के प्रकार- बवेरिया बैसियाना, ट्राइकोडर्मा की विविध प्रजातियां, बेसिलस की विविध प्रजातियां, सूडोमोनास की विभिन्न प्रजातियां,पेसिलोमाइसिस, जैव-निमेटिसाइड इत्यादि. 

जैव कीटनाशक के लाभ- इसके माध्यम से रोग, सूत्रकृमि और कीट को नियंत्रित किया जा सकता है. 

जैव कीटनाशक के प्रयोग का समय

  • रोग के शुरुआती लक्षण: संक्रमण रोकने के लिए. 
  • पूर्व-रोग नियंत्रण:रोग-प्रतिरोधक वातावरण बनाने के लिए. 

जैव कीटनाशक का प्रयोग कैसे करें?

जैव कीटनाशकों का 5 से 10 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल तैयार करें. पत्तियों पर छिड़काव करें या मिट्टी में डालें. 

3. जैव वृद्धि प्रवर्तक (बायो स्टिमुलेंट्स)

  • जैव वृद्धि प्रवर्तक (बायो स्टिमुलेंट्स) के प्रकार: समुद्री शैवाल अर्क, ह्यूमिक एसिड, अमीनो एसिड इत्यादि का प्रयोग जैव वृद्धि प्रवर्तक (बायो स्टिमुलेंट्स) के रूप में किया जाता है.
  • जैव वृद्धि प्रवर्तक (बायो स्टिमुलेंट्स) के प्रयोग से होनेवाले लाभ: पौधों की वृद्धि में तेजी, तनाव सहनशीलता, और गुणवत्ता में सुधार हेतु जैव वृद्धि प्रवर्तक (बायो स्टिमुलेंट्स) का प्रयोग करते हैं. 
  • जैव वृद्धि प्रवर्तक (बायो स्टिमुलेंट्स) के प्रयोग का समय: पौधों के विकास की विभिन्न अवस्थाओं पर. फल बनने के पहले और बाद में.

जैव वृद्धि प्रवर्तक (बायो स्टिमुलेंट्स) का प्रयोग कैसे करें?

इन्हें स्प्रेयर की मदद से पत्तियों पर छिड़कें. मिट्टी में मिश्रित करके भी उपयोग कर सकते हैं. 

4. जैविक खाद

जैविक खाद के प्रकार: वर्मी-कंपोस्ट, जीवामृत, गोबर खाद जैसे विविध उत्पादों का प्रयोग जैविक खाद के रूप में करते हैं. 

जैविक खाद के प्रयोग से होनेवाले लाभ- मिट्टी की भौतिक, रासायनिक और जैविक गुणधर्मों में सुधार होता है. माइक्रोबियल गतिविधि में भारी वृद्धि होता है.

जैविक खाद के प्रयोग का समय- खेत की तैयारी के दौरान. रोपाई के समय जैविक खाद का प्रयोग कर सकते है.

जैविक खाद का प्रयोग कैसे करें?

जैविक खाद को मिट्टी में समान रूप से मिलाएं. पौधों की जड़ों के चारों ओर डालें. 

विभिन्न जैव उत्पादों के प्रयोग की विधियां

  1. बीज उपचार (Seed Treatment): बीज को जैव उर्वरक या जैव कीटनाशकों के घोल में 20 से 30 मिनट तक डुबोकर सुखाएं. यह बीज जनित रोगों को रोकता है और प्रारंभिक वृद्धि में मदद करता है.
  2. मिट्टी उपचार (Soil Treatment): ट्राइकोडर्मा या PSB को खेत में समान रूप से मिलाकर मिट्टी को रोग मुक्त और पोषक तत्वों से भरपूर बनाएं.
  3. पौध रोपण (Transplanting Treatment): पौधों की जड़ों को जैव उर्वरक और जैव कीटनाशक मिश्रित घोल में 30 मिनट तक डुबोकर लगाएं.
  4. पत्तियों पर छिड़काव (Foliar Spray): बायो स्टिमुलेंट्स या जैव कीटनाशकों का छिड़काव करके पौधों को पोषण और रोग, सूत्रकृमि एवं कीट से पौधों को बचाने के लिए प्रयोग करते है.
  5. ड्रिप सिंचाई (Drip Irrigation): जैव उर्वरकों को पानी में मिलाकर ड्रिप प्रणाली के माध्यम से पौधों तक पहुंचाएं.

विशेष सावधानियां

  1. प्रयोग से पहले: मिट्टी की परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर जैविक उत्पादों का चयन करें.
  2. मात्रा: अनुशंसित मात्रा का ही प्रयोग करें.
  3. भंडारण: जैविक उत्पादों को ठंडी और सूखी जगह पर रखें.
  4. मिश्रण: जैव उत्पादों को रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के साथ न मिलाएं.
English Summary: uses organic agricultural products increase soil fertility crop production Published on: 10 December 2024, 11:12 AM IST

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